मधेपुरा : शहर में व्याप्त गंदगी और कचरे की नियमित सफाई नहीं होने पर नगर परिषद की किरकिरी तो हो ही रही है. वहीं साफ- सफाई के मामले में जनप्रतिनिधि भी उदासीन बने हुए है. हालांकि रेलवे भी सफाई के मामले में फिसड्डी बनी हुई है. दौरम मधेपुरा रेलवे परिसर की पहचान इन दिनों वहां यत्र-तत्र फैली गंदगी व कचरे से हो रही है. स्टेशन का बाहरी परिसर, सर्कुलेटिंग एरिया व आवासीय परिसर में महीनों से कचरा, गंदगी और जलजमाव व्याप्त है. कचरा से निकलने वाली दुर्गंध से रेल यात्री व राहगीर परेशान व हलकान हो रहे है.
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सड़कों पर गंदगी करती है कदमताल, नप को नहीं है मलाल
मधेपुरा : शहर में व्याप्त गंदगी और कचरे की नियमित सफाई नहीं होने पर नगर परिषद की किरकिरी तो हो ही रही है. वहीं साफ- सफाई के मामले में जनप्रतिनिधि भी उदासीन बने हुए है. हालांकि रेलवे भी सफाई के मामले में फिसड्डी बनी हुई है. दौरम मधेपुरा रेलवे परिसर की पहचान इन दिनों वहां […]
बावजूद इसके वरीय अधिकारी इस दिशा में उदासीन बने हुए है. वहीं स्थानीय लोगों द्वारा भी कचरा फैलाने में कोई कमी नहीं छोड़ा जाता है. यदि लोगों के घर में शादी, जन्मदिन या किसी तरह का त्यौहार हो तो उसमें बचने वाले खाद्य पदार्थ को लोग सड़क किनारे फेंक देते हैं. जिसके बाद जानवरों के द्वारा उसे सड़कों पर पूरी तरह बिखेर दिया जाता है. जिस कारण वहां से आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है. यदि इसी कचरे को कहीं गड्ढा खोदकर उसमें डाल दिया जाए तो शायद परेशानी थोड़ी कम होगी.
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन नहीं हो रहा
स्थानीय लोग बताते है कि नगर विकास विभाग के निर्देश पर नगर परिषद प्रशासन ने शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू किया गया था. शहर की सफाई के लिए नगर परिषद ने स्वयं सेवी संस्थान को सफाई का जिम्मा दिया था. लोगों का कहना है कि कूड़ा कलेक्शन के नाम पर नगर परिषद बंदरबांट कर रहा है. प्रतिदिन घरों की गंदगी जमा हो रही है. लेकिन नियमित सफाई नहीं होने से कुड़े कचरे का ढेर लोगों के घरों में जमा हो रहा है. यदि शहर में सफाइ कर्मियों के द्वारा लापरवाही नहीं बरती जाये और प्रतिदिन कूड़े का उठाव मुहल्लों से किया जाये तो काफी हद तक स्वच्छ माहौल कायम हो सकेगा.
जलजमाव व कीचड़ के दो मुख्य कारण
शहर के लोगों ने कीचड़ व जलजमाव के दो मुख्य कारण गिनाया है. लोगों ने कहा कि शहर में जल निकासी की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. शहर की सड़कों व गलियों में नाले का अभाव है. जबकि नप सड़कों पर जमे धूल, मिट्टी को भी नहीं हटाती है. सैकड़ो सफाई कर्मी के रहने के बाद भी मिट्टी,धूल को नहीं साफ किया जाता है. विडंबना यह है कि नगर परिषद में रखा स्वीप वाहन से भी कभी काम नहीं लिया जाता है.
गंदगी होने से व्यापारियों में भी उबाल
व्यवसायियों का कहना है कि सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. लोग कहते है कि नाले की सफाई को लेकर भी आंदोलन कर चुके हैं. किसी भी कीमत पर शहर में गंदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लोगों का कहना है कि सफाई के प्रति नगर परिषद की उदासीनता देखने को मिल रही है. जबकि सफाई लगातार होनी चाहिए.
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