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उद्धारक की बाट जोह रहा सरस्वती अर्जुन एकलव्य महावद्यिालय

उद्धारक की बाट जोह रहा सरस्वती अर्जुन एकलव्य महाविद्यालय वेतन नहीं मिलने से कर्मियों के समक्ष उत्पन्न हुई भुखमरी की समस्या नामांकन व फार्म भरने की फीस से हो रहा महाविद्यालय का विकास फोटो : 7(सरस्वती अर्जुन एकलव्य महाविद्यालय में सुविधाअों का अभाव. प्रतिनिधि, जमुई जिला मुख्यालय स्थित सरस्वती अर्जुन एकलव्य कॉलेज की स्थापना 28 […]

उद्धारक की बाट जोह रहा सरस्वती अर्जुन एकलव्य महाविद्यालय वेतन नहीं मिलने से कर्मियों के समक्ष उत्पन्न हुई भुखमरी की समस्या नामांकन व फार्म भरने की फीस से हो रहा महाविद्यालय का विकास फोटो : 7(सरस्वती अर्जुन एकलव्य महाविद्यालय में सुविधाअों का अभाव. प्रतिनिधि, जमुई जिला मुख्यालय स्थित सरस्वती अर्जुन एकलव्य कॉलेज की स्थापना 28 अगस्त 1980 को हुई थी, लेकिन आज तक सरकार द्वारा स्थायी रूप से मान्यता प्रदान नहीं किये जाने के कारण प्राध्यापकों व कर्मियों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. कॉलेज कर्मियों की माने तो छात्रों के नामांकन और परीक्षा प्रपत्र भरने से मिलने वाले शुल्क से कॉलेज के भवन व अन्य संसाधनों का विकास हो रहा है, लेकिन सरकार द्वारा अनुदान समय पर नहीं दिये जाने के कारण हमलोगों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है और परिवार का लालन पालन भी ठीक तरह से संभव नहीं हो पा रहा है. सरकार द्वारा कभी कभार अनुदान देने पर हमलोगों को वेतन बहुत मुश्किल से मिल पाता है. कॉलेज कर्मियों की माने तो 20 जनवरी 1984 को बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा परिषद द्वारा कॉलेज को इंटर कला के लिए संबद्धता प्रदान की गयी थी और 13 जनवरी 1990 को विज्ञान और कला में संबद्धता प्रदान की गयी थी. जबकि 13 अगस्त 2014 को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक कला,विज्ञान व वाणिज्य संकाय में संबद्धता प्रदान की गयी थी. कई कर्मी तो वेतन या अन्य कोई सुविधा मिले बगैर ही सेवानिवृत्त हो गये. सभी विषयों की होती है पढ़ाई स्थानीय सरस्वती अर्जुन एकलव्य महाविद्यालय में इंटर कला, विज्ञान व वाणिज्य व स्नातक स्तर पर इतिहास,राजनीतिशास्त्र,अर्थशास्त्र,मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, उर्दू,अंगरेजी, हिंदी, गणित, समाजशास्त्र,भौतिकी, रसायन,वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान समेत सभी विषयों की पढ़ाई की व्यवस्था हैं. कला व वाणिज्य संकाय के सभी विषयों में 200-200 के हिसाब से सीट उपलब्ध है. जबकि विज्ञान में 100-100 के हिसाब से विषयवार सीट उपलब्ध है. वहीं इंटर कला में 896 ,वाणिज्य में 384 तथा विज्ञान में 1152 छात्र कॉलेज में अध्ययनरत हैं.सभी विषयों में हैं शिक्षक स्थानीय सरस्वती अर्जुन एकलव्य महाविद्यालय में इतिहास,भूगोल,अर्थशास्त्र,जंतु विज्ञान,वनस्पति विज्ञान,अंगरेजी, हिंदी, उर्दू, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान समेत सभी विषयों को मिला कर कुल 44 प्राध्यापक व 32 कार्यालय कर्मी कार्यरत हैं जो वर्षों से कॉलेज को सरकारी मान्यता मिलने की बाट जोह रहे हैं. कहते हैं प्रभारी प्रधानाचार्य इस बाबत प्रभारी प्रधानाचार्य डाॅ रामानंद भगत ने बताया कि कॉलेज को स्थायी संबद्धता प्रदान करने के हेतु राज्य सरकार को लिखा गया है, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

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