17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सामाजिक बदलाव के दौर में बापू व विनोबा के विचार आज भी प्रसांगिक

लखीसराय : सामाजिक बदलाव के इस दौर में जहां हिंसा व अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है वहीं हमारे बीच कुछ ऐसे लोग हैं जो इस सामाजिक बदलाव से अपने आपको पूरी तरह अछूता रखकर गांधी व विनोबा जी के विचारों को प्रासंगिक बनाये हुए हैं. सूर्यगढ़ा प्रखंड के अलीनगर गांव में रहने वाले […]

लखीसराय : सामाजिक बदलाव के इस दौर में जहां हिंसा व अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है वहीं हमारे बीच कुछ ऐसे लोग हैं जो इस सामाजिक बदलाव से अपने आपको पूरी तरह अछूता रखकर गांधी व विनोबा जी के विचारों को प्रासंगिक बनाये हुए हैं. सूर्यगढ़ा प्रखंड के अलीनगर गांव में रहने वाले 86 वार्षीय वृद्ध बाल्मिकी सिंह जी उनमें से एक हैं.

ग्रामीण सड़क किनारे बैठकर एक वृद्ध को बांस की टोकरी बनाते देखकर सहसा हमारी नजर उनपर टिक गयी. उत्सुकतावश उनसे मिला. पूछने पर श्री सिंह ने बताया कि वे विनोबा जी के अनुयायी हैं. भूदान आंदोलन के दौरान उन्होंने इसमें भागीदारी निभायी. धीरेन मजूमदार के साथ धनकटिया में गये थे.

जहां किसानों को धान काटने की जानकारी दी गयी. उन्होंने बताया कि 1962 के आसपास विनोबा जी से मिलने का मौका मिला. उनके विचारों से काफी प्रभावित हुए. अपने जीवन के 86 बसंत देख चुके बाल्मिकी सिंह जी ने स्वावलंबन का दामन नहीं छोड़ा. आज भी वे बांस की टोकरी बनाकर अपना खर्च निकाल लेते हैं. घर में चार पुत्रों का भरा पूरा परिवार है.

सामाजिक बदलाव के संदर्भ में पूछने पर श्री सिंह कहते हैं कि पहले नेता या प्रतिनिधि ईमानदार होते थे, लेकिन आज लूट-खसोट की संस्कृति है. भ्रष्टाचार का बोलबाला है. बिना कानून बनाये व्यवस्था में बदलाव संभव नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें