प्रत्येक महीने प्रसव का सही डेटा तैयार करने तथा अगले माह से प्रतिवेदन के साथ बैठक में भाग लेने का निर्देश प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया गया. डीएम ने निजी संस्थान में प्रसव कराये जाने के कारणों की जांच कराने की आवश्यकता पर बल दिया. पूर्ण प्रतिरक्षण की समीक्षा के दौरान पिपरिया में 90 प्रतिशत रहने पर इसे शत प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया गया. माइनर ऑपरेशन किये जाने की स्थिति मे ऑन ड्यूटी रहे चिकित्सक को इसे रजिस्टर में अंकित करने का निर्देश दिया गया.
ऐसा नहीं करने वाले चिकित्सक से कारण पृच्छा पूछने का निर्देश दिया गया. होम टू हॉस्पिटल के तहत डीपीएम को 102 का सीडीआर निकालने को कहा गया. हलसी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि प्रखंड के जितने लोग होम टू हॉस्पिटल हैं उससे कम हॉस्पिटल टू होम हैं. इसकी जांच की जा रही है. प्रखंड स्तर पर बीसीएम को प्रसव के बाद एंबुलेंस से घर भेजने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. वहीं सदर अस्पताल में यह जिम्मेवारी अस्पताल प्रबंधक को दी गयी. आशा कार्यकर्ता को प्रसव कराये जाने के तुरंत बाद राशि का भुगतान करने को कहा गया. कई प्रखंडों में संविदा पर बहाल एएनएम को कांट्रैक्ट रिन्युबल नहीं होने पर भुगतान नहीं करने की बात कही गयी. जिसका वेरिफिकेशन कराने के बाद एक सप्ताह के अंदर मानदेय भुगतान करने को कहा गया. चिकित्सा पदाधिकारी के एलॉटमेंट नहीं रहने के कारण मानदेय भुगतान नहीं किये जाने की बात कही गयी. मौके पर सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित सदर अस्पताल के संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.