बहादुरगंज. अपनी मांगों के समर्थन में “सीमांचल अधिकार फ्रंट ” के बैनर तले मंगलवार को प्रखंड मुख्यालय परिसर में फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया एवं जमकर नारेबाजी की. कार्यक्रम का नेतृत्व फ्रंट के संरक्षक सह जनसुराज के जिलाध्यक्ष प्रो मुस्सबिर आलम ने किया. मुख्य मांगों में बहादुरगंज – टेढ़ागाछ मुख्य सड़क का मरम्मतीकरण कार्य जल्द शुरू करने, भीषण गर्मी के मद्देनजर बिजली आपूर्ति व्यवस्था में जारी आंख मिचौली व बिजली बिल में गड़बड़ी, वर्षों पूर्व से प्रस्तावित बहादुरगंज और ठाकुरगंज को अनुमंडल तथा हल्दीखोरा, कन्हैयाबाड़ी , पौआखाली व छतरगाछ को प्रखंड का दर्जा देने, सुरजापुरी बिरादरी को अत्यंत पिछड़ा वर्ग का लाभ, हर साल आनेवाले बाढ़ के पानी से होनेवाली नुकसान से मुक्ति एवं किशनगंज में मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का निर्माण जो विचाराधीन है जैसे मुद्दे शामिल है. कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे जनसुराज के जिलाध्यक्ष प्रो आलम ने कहा कि केन्द्र व राज्य में डबल इंजन की सरकार है. बाबजूद इसके इस सीमांचल के पिछड़े जिलों के हितों की लगातार अनदेखी की जा रही है. बहादुरगंज एवं ठाकुरगंज को अबतक अनुमंडल न बनाये जाने के कारण लोगों को जिला मुख्यालय किशनगंज जाना पड़ता है. सबसे बड़ी महत्वाकांक्षी योजना महानंदा बेसिन परियोजना को अधर में लटका रखा गया है. सिर्फ इस महत्वपूर्ण परियोजना को पूरा कर लिया जायें तो हरएक साल बाढ़ एवं कटाव के चलते होनेवाली तबाही से स्थायी तौर पर निजात संभव है. परंतु मुद्दे पर केन्द्र व राज्य सरकार की मंशा समझ से परे है. धरना – प्रदर्शन की समाप्ति के बाद जिलाधिकारी के नाम बीडीओ को एक मांग पत्र भी सौंपा गया. इस मौके पर मुख्य रूप से फ्रंट के संरक्षक प्रो मस्सवीर आलम, मौलाना गुलाम सरवर, अखलाकुर्रहमान, संतोष कुमार, वसीम अख्तर शादाब, शमीम अख्तर, हसन रजा, मो कलीमुद्दीन सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे. अपनी मांगों के समर्थन में “सीमांचल अधिकार फ्रंट ” के बैनर तले मंगलवार को प्रखंड मुख्यालय परिसर में फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया एवं जमकर नारेबाजी की. कार्यक्रम का नेतृत्व फ्रंट के संरक्षक सह जनसुराज के जिलाध्यक्ष प्रो मुस्सबिर आलम ने किया. मुख्य मांगों में बहादुरगंज-टेढ़ागाछ मुख्य सड़क का मरम्मतीकरण कार्य जल्द शुरू करने, भीषण गर्मी के मद्देनजर बिजली आपूर्ति व्यवस्था में जारी आंख मिचौली व बिजली बिल में गड़बड़ी, वर्षों पूर्व से प्रस्तावित बहादुरगंज और ठाकुरगंज को अनुमंडल तथा हल्दीखोरा, कन्हैयाबाड़ी , पौआखाली व छतरगाछ को प्रखंड का दर्जा देने , सुरजापुरी बिरादरी को अत्यंत पिछड़ा वर्ग का लाभ, हर साल आनेवाले बाढ़ के पानी से होनेवाली नुकसान से मुक्ति एवं किशनगंज में मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का निर्माण जो विचाराधीन है जैसे मुद्दे शामिल है. कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे जनसुराज के जिलाध्यक्ष प्रो आलम ने कहा कि केन्द्र व राज्य में डबल इंजन की सरकार है. बाबजूद इसके इस सीमांचल के पिछड़े जिलों के हितों की लगातार अनदेखी की जा रही है. बहादुरगंज एवं ठाकुरगंज को अबतक अनुमंडल न बनाये जाने के कारण लोगों को जिला मुख्यालय किशनगंज जाना पड़ता है. सबसे बड़ी महत्वाकांक्षी योजना महानंदा बेसिन परियोजना को अधर में लटका रखा गया है. सिर्फ इस महत्वपूर्ण परियोजना को पूरा कर लिया जायें तो हरएक साल बाढ़ एवं कटाव के चलते होनेवाली तबाही से स्थायी तौर पर निजात संभव है. परंतु मुद्दे पर केन्द्र व राज्य सरकार की मंशा समझ से परे है. धरना – प्रदर्शन की समाप्ति के बाद जिलाधिकारी के नाम बीडीओ को एक मांग पत्र भी सौंपा गया. इस मौके पर मुख्य रूप से फ्रंट के संरक्षक प्रो मस्सवीर आलम, मौलाना गुलाम सरवर, अखलाकुर्रहमान, संतोष कुमार, वसीम अख्तर शादाब, शमीम अख्तर, हसन रजा, मो कलीमुद्दीन सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.
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