छत्तरगाछ : विकास के इस युग में भी प्रखंड क्षेत्र के कई गांव आज भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है. गांव में सड़क की बात तो दूर ग्रामीणों को मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए एक अदद पुल भी नसीब नहीं हुआ है. यही हाल प्रखंड के छत्तरगाछ स्थित इंद्रपुर पासवान टोला, बुढ़नई पंचायत स्थित गंजाबाड़ी हरिजन टोला आदि कई गांवों की है,
जिन्हें मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए आजादी के 67 साल बाद भी सुगम यातायात मयस्सर नहीं हो पायी है. इंद्रपुर पासवान टोला के हरिलाल, प्रमोद कुमार हरिजन टोला गंजाबाड़ी के तिलक चंद्र मुसहर, मदन हरिजन, विपिन हरिजन आदि ने बताया कि हमारे जनप्रतिनिधि मात्र चुनाव के समय गांव में आकर विकास की बात करते हैं.
चुनाव जीतने के बाद कोई भी नुमाईंदा गांव में झांकने तक नहीं आता है. इस प्रकार रायपुर पंचायत स्थित बालुबाड़ी गांव के लोगों को मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए एक बांस का बना चचुरी पुल ही सहारा है, जिससे साल के बारह महीना चचरी पुल से ही आवागमन करना पड़ता है.
बरसात के दिनों में तो चाहे शादी विवाह हो या किसी व्यक्ति की गंभीर बीमारी हो गांव तक वाहन पहुंचना संभव नहीं है, जिस मजबूरन या तो दूल्हा-दुल्हन को अथवा मरीज को बैलगाड़ी या पैदल गांव तक ले जाना पड़ता है. प्रखंड के बीचोबीच डोंक नदी बहने से प्रखंड दो भागों में बंटा हुआ है.
प्रखंड क्षेत्र के पश्चिम छोर पर अवस्थित लोगों को प्रखंड मुख्यालय पहुंचने के लिए तो डोंक नदी के पूरब छोड़ से अवस्थित पंचायत वासियों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए मात्र चचरी पुल या तो छोटी-मोटी नाव ही सहारा है.