महेशखूंट. सतगुरु कबीर आश्रम मदारपुर के प्रांगण में कबीर दास की जयंती मनायी गयी. परमपूज्य महंत नारायण के नेतृत्व में कबीर जयंती का आयोजन किया गया. बुधवार को प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी संतों द्वारा जयंती मनायी गयी. समारोह कार्यक्रम की शुरूआत आचार्य शांतशास दास साहेब ने दीप प्रज्वलित किया गया. महंत नारायण दास द्वारा आए हुए सभी संतों को अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया गया. बखरी मठ के महंत बिहारी साहेब, विश्व कबीर विचार मंच के महासचिव डॉ विवेक साहेब , दुखाटोल के महंत रामावतार दास शास्त्री, संत दीपक दास, गौरैया बथान भजन उपदेशक मालिक प्रसाद यादव, रांको मंडेलेश्वर जमना दास जी महाराज, सोझी घाट मुंगेर महंत राजाराम दास, बरियारपुर रामदास महाराज, लखीसराय प्रेमदास महाराज, डॉ बीके विद्यार्थी, कैप्टन घनश्याम, मदारपूर के रंजन कुमार यादव, पूर्व फैक्स अध्यक्ष मदारपुर पिंकू यादव, बच्चन देव यादव, दानी यादव, विनोद यादव, गोविंदपुर देवनंदन चौरसिया, मदारपुर के विजय मंडल को सम्मानित किया गया. मंच का संचालन मनोज मिर्जुन झिटकिया सहित सैकड़ो की संख्या में सत्संग प्रेमी, श्रोता उपस्थित होकर कबीर जी की वाणी को सुने. उनके उपदेश की जानकारी संतो ने श्रोताओं को दी. मालूम हो कि कबीर साहेब 15 वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे. उसका जन्म 1398 में काशी में माना जाता है. कबीर अंधविश्वास, व्यक्ति पूजा , पाखंड और ढोंग के विरोधी थे. संतों ने कहा कि जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान,मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान.
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