खगड़िया : एक बड़ी खुशखबरी है. आधार कार्ड की आस में अब इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर आधार कार्ड बनाये जायेंगे. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही आपके गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों पर आधार कार्ड बनने शुरू हो जायेंगे.
ग्रामीण कार्य विभाग की विशेष कार्य पदाधिकारी सह आधार कार्ड की नोडल पदाधिकारी कनक बाला ने सभी जिलों के डीएम को पत्र भेज कर सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने का निर्देश दिया है. बता दें कि राज्य में अब तक आठ फीसद ही आधार कार्ड निर्माण हो पाया है.
अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर निर्माण होने से इसमें तेजी आने की उम्मीद है. नौनिहालों को मिलेगी पहचान भारत के नागरिक होने के महत्वपूर्ण दस्तावेज माने जाने वाले आधार कार्ड से अब नौनिहाल भी लैस होंगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी बच्चों का आधार कार्ड अनिवार्य रूप से बनाने का निर्देश दिया था. पांच वर्ष के अंदर इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने का लक्ष्य है. इसमें आंगनबाड़ी केंद्रों पर नामांकित बच्चों का आधार कार्ड बनाया जायेगा.
साथ ही साथ वैसे अभिभावकाें का भी आधार कार्ड बनाया जायेगा, जिनका अब तक नहीं बन पाया है. इस कार्य को मिशन मोड में समय सीमा के अंदर करवाया जाना है. जिला प्रशासन ने शुरू की कवायद आंगनबाड़ी केंद्रों पर आधार कार्ड निर्माण की योजना को हरी झंडी मिलते ही अब प्रशासनिक कवायद भी शुरू हो गयी है. राज्य मुख्यालय से मिले पत्र के आलोक में बाल विकास परियोजना विभाग के डीपीओ ने सभी सीडीपीओ को पत्र भेज कर इसके लिये तैयारी शुरू करने को कहा है.
डीपीओ ने बताया कि राज्य पंजीयक व गैर राज्य पंजीयक के अन्तर्गत पंजीकरण एजेंसियाें के बीच आंगनबाड़ी केंद्रों में आधार कार्ड पंजीयन के लिए आवंटन की स्वीकृति भी मिल गयी है. इसके लिये सभी सीडीपीओ को पंजीकरण एजेंसियों को आधार कार्ड निर्माण में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही सभी महिला पर्यवेक्षिका, सेविका सहायिका को भी मदद करने को कहा गया है. इस बात की भी ताकीद की गयी है कि कोई भी बच्चा आधार कार्ड से वंचित ना रहने पाये.
सेविका -सहायिका को भी बड़ी जिम्मेदारी इस योजना के क्रियान्वयन में आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका व सहायिका की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है. चूंकि पोषक क्षेत्र में सेविका सहायिका की घर- घर में पहचान होती है. साथ ही पोषक क्षेत्र की गली-गली से वह वाकिफ होती हैं.
इसके लिये सभी महिला पर्यवेक्षिका जिनके सहारे पोषक क्षेत्र के बच्चों के आधार कार्ड निर्माण के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया जायेगा. बता दें कि जिले में स्वीकृत कुल 1481 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 1449 अभी संचालित हो रहे हैं. इनके सहारे सरकार ने नौनिहालों को अपनी पहचान देने के साथ साथ अभिभावकों को आधार कार्ड बनाने का निर्णय लिया है.
राज्य मुख्यालय से भेजे गये पत्र के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों में आधार कार्ड निर्माण के लिए कवायद शुरू हो गयी है. सभी प्रखंडाें के सीडीपीओ को पत्र भेज कर आधार कार्ड पंजीकरण एजेंसी को सहयोग करने का निर्देश दिया गया है.
इस योजना के तहत बच्चों के साथ-साथ वैसे अभिभावकों के आधार कार्ड का निर्माण किया जायेगा, जिनका अब तक नहीं बन पाया है. सियाराम सिंह, डीपीओ, आइसीडीएस