अलौली. प्रखंड के निषाद, विंद, बेलदार, नोनिया, मल्लाह जाति की एकजुटता को लेकर बुधवार को सामुदायिक भवन फुलतौड़ा में बैठक आयोजित की गयी. अध्यक्षता निषाद समाज संघ के जिला सचिव पंकज कुमार मुखिया ने की. जिसमें बताया गया कि हमारी एकजुटता से ही मछुआरों को आदिवासी का दर्जा दिया जा सकता है. जंगली की तरह जंगल में जीवन यापन करने वाले मछुआरों को अभी तक आदिवासी का दर्जा क्यों नहीं मिला. देश के कुछ हिस्सों में यह दर्जा मिला है. अपनी विभिन्न समस्याओं को गिनाते हुए संघ के जिला सचिव पंकज कुमार मुखिया ने बताया कि बहुत जल्द पटना में निषाद महाकुंभ महारैली का आयोजन होना है. जिसकी तिथि तय की जानी है. मुकेश सहनी ने बताया कि तब तक हमारा समाज संगठित नहीं होगा तब तक हमारा विकास संभव नहीं है. इस अभियान से बिहार के निषाद समाज को जगाना है और बिहार विधानसभा तक पहुंचना है. उन्होंने बताया बताया कि सहनी समाज कल्याण संस्था के माध्यम से संघर्ष की जायेगी. मछुआरों के बच्चों को पढ़ाई के लिए मछुआरा कल्याण छात्रावास की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए. उक्त बैठक में मत्स्य जीवी सहयोग समिति फुलतौड़ा के अध्यक्ष राज कुमार मुखिया, सदस्य देव शरण मुखिया, योगेंद्र केवट, विमल मुखिया, हरेराम मुखिया, बैद्यनाथ मुखिया, देव नारायण मुखिया, राम जपो मुखिया, श्याम सुंदर मुखिया आदि ने अपना विचार व्यक्त किया.
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मछुआरों को मिले आदिवासी का दर्जा
अलौली. प्रखंड के निषाद, विंद, बेलदार, नोनिया, मल्लाह जाति की एकजुटता को लेकर बुधवार को सामुदायिक भवन फुलतौड़ा में बैठक आयोजित की गयी. अध्यक्षता निषाद समाज संघ के जिला सचिव पंकज कुमार मुखिया ने की. जिसमें बताया गया कि हमारी एकजुटता से ही मछुआरों को आदिवासी का दर्जा दिया जा सकता है. जंगली की तरह […]
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