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कारा की सुरक्षा को लेकर गृह विभाग ने जारी किया अलर्ट, कारा कर्मियों की छुट्टी हुई रद्द

खगड़िया : कारा की सुरक्षा को लेकर गृह विभाग ने अलर्ट जारी किया है. कारा कर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है. तथा डीएम व एसपी को कारा की सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा करने सहित आवश्यकतानुसार कारा की सुरक्षा में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती करने के आदेश जारी किये गए हैं. विभागीय जानकारी के […]

खगड़िया : कारा की सुरक्षा को लेकर गृह विभाग ने अलर्ट जारी किया है. कारा कर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है. तथा डीएम व एसपी को कारा की सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा करने सहित आवश्यकतानुसार कारा की सुरक्षा में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती करने के आदेश जारी किये गए हैं.

विभागीय जानकारी के मुताबिक कारा महानिरीक्षक ने मिथलेश मिश्र ने लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य के सभी कारा/उपकारा की सुरक्षा बढ़ाने सहित कई आदेश जारी किये है. अन्य जिलों के साथ-साथ खगड़िया के डीएम व एसपी को पत्र लिखकर कारा की भी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने एवं कारा की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को कहा गया है.
विभागीय सूत्र के मुताबिक कारा महानिरीक्षक ने डीएम व एसपी को संयुक्त रुप से कारा की समीक्षा करने, सुरक्षा बल की उपलब्धता तथा आवश्यकता का आकलन करने को कहा है. साथ ही अतिरिक्त सुरक्षा बल को वहां प्रतिनियुक्त करने को कहा है. कारा के बाहरी सुरक्षा के लिये गश्ती मोबाईल एवं औचक सुरक्षा जांच के भी निर्देश जारी किये गए हैं. कारा में घटित होने वाली हरेक छोटी-बड़ी घटना की रिपोर्ट मुख्यालय स्तर पर भेजने को कहा गया है.
लापरवाह अनुशंधानकर्ता को हटाने का निर्देश
जानकारी के मुताबिक पूर्व में औचक निरीक्षण/छापेमारी के दौरान कारा में पकड़े गए मोबाइल फोन या फिर आपत्तीजनक सामग्री के मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है. कारा महानिरीक्षक ने ऐसे मामलों में दर्ज प्राथमिकी का अनुसंधान में तेजी से करने को कहा है.
ताकि अनुसंधान में यह खुलासा हो कि कारा के भीतर कैसे व किसकी मदद से प्रतिबंधित सामग्री को लाया गया था. सूत्र बताते हैं कि अनुसंधान में शिथिलता बरतने वाले अनुशंधानकर्ता यानी केस आइओ को इस कार्य से हटाकर इनकी जगह वरीय एवं अनुभवी पुलिस पदाधिकारी को अनुसंधान की जिम्मेवारी सौंपने के निर्देश दिये गये हैं.
पेशी के दौरान बंदीयों व मुलाकतीयों पर नजर
न्यायालय में पेशी के दौरान बंदीयों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है. खासकर माओवादी, उग्रवादी,बंदियों पर कारा महानिरीक्षक ने डीएम, एसपी को लिखे पत्र में कहा है कि न्यायालय में पेशी के दौरान बंदीयों को कोई बाहरी व्यक्ति मोबाइल या फिर प्रतिबंधित सामग्री उपलब्ध करा सकते हैं. यह काम बंदियों से मिलने आए मुलाकाती भी कर सकते हैं. इन दोनों जगहों पर बाहरी व्यक्ति एवं मुलाकातियों पर पैनी नजर रखने को कहा गया है.
पूर्व से तैनात सुरक्षा बल हटाये जायेंगे
लंबे अवधि से कारा की सुरक्षा में प्रतिनियुक्त पुलिस बल/बीएमपी/सैप को वहां से हटाने तथा इनकी जगह कारा की सुरक्षा में दूसरे पुलिस बल की तैनाती करने को कहा गया है.
बताया जाता है कि विभाग का यह मानना है कि कारा की सुरक्षा में प्रतिनियुक्त पुलिस बल स्थानीय लोगों के संपर्क में आ गये हैं. जो कारा की सुरक्षा के लिये सही नहीं हैं. कारा की सुरक्षा में सेंध न लगे. शायद इसी उद्देश्य से कारा महानिरीक्षक ने पुराने पुलिस पार्टी को हटाने एवं नये पार्टी को प्रतिनियुक्त करने को कहा है.
छापेमारी के भी निर्देश
सूत्र के मुताबिक राज्य स्तर से नियमित रुप से कारा का सघन रुप से तालाशी/औचक छापामारी करने के आदेश दिये गए हैं. जिसके कि मोबाईल सहित अन्य प्रतिबंधित सामग्री को कारा के अंदर जाने रोका जा सके.
जानकारी के मुताबिक कारा के भीतर प्रतिबंधित सामग्रियों के बरामदगी होने पर कारा कर्मि की भूमिका की भी जांच होगी. अगर जांच में यह पाया गया कि कारा के भीतर मोबाइल या फिर अन्य प्रतिबंधित साम्रगी पहुंचाने/भिजवाने में कारा कर्मी/सुरक्षा बल की भूमिका थी, तो उस व्यक्ति पर कार्रवाई होगी.
कारा निरीक्षक ने ऐसे कर्मी को चिन्हित कर उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई/अनिवार्य सेवा निवृति का प्रस्ताव अनुशंसा के साथ भेजने को कहा है. बता दें कि लोकसभा चुनाव संपन्न होने तक सभी कारा कर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है.

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