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दवा दुकानदारों ने बंद रखीं दुकानें, करोड़ों का नुकसान

कटिहार : डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के चार दवा दुकानों को छोड़कर तमाम दवा दुकानदार मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर बुधवार को चले गये. तीन दिनों तक चलने वाले इस हड़ताल में पहले ही दिन जिले के लगभग 2000 मेडिकल दुकान बंद रहने से इसका व्यापक असर पड़ा. मेडिकल दुकानें […]

कटिहार : डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के चार दवा दुकानों को छोड़कर तमाम दवा दुकानदार मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर बुधवार को चले गये. तीन दिनों तक चलने वाले इस हड़ताल में पहले ही दिन जिले के लगभग 2000 मेडिकल दुकान बंद रहने से इसका व्यापक असर पड़ा.

मेडिकल दुकानें बंद रहने के कारण दवाई के अभाव में मरीज इधर-उधर भटकते नजर आये. हालांकि एसोसिएशन के द्वारा मरीजों को परेशानी नहीं हो इसके लिए पूरे जिले भर में मात्र चार मेडिकल ही खोले गए थे.
जो मरीजों के लिए पर्याप्त नजर नहीं आया. जबकि एसोसिएशन ने नर्सिंग होम के मेडिकल को भी हड़ताल से बाहर रखा था. इसके बावजूद भी मरीज काफी परेशान हुए. इसके अलावा स्थानीय प्रशासन द्वारा लोगों को दवाई के लिए परेशान न होना पड़े इसके लिए दर्जन भर मेडिकल और खोलने का निर्देश जारी किया गया था.
निर्देश के आलोक में मेडिकल खोले भी गये. लेकिन एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्यों द्वारा शांतिपूर्ण माहौल में खोले गये मेडिकल संचालक से समर्थन देने की बात कही. जिस पर खोलें मेडिकल के संचालकों ने अपना समर्थन देते हुए सारे मेडिकल दुकानों को पुनः बंद कर दिया.
दवाई के लिए मरीज भटकने के लिए हुए मजबूर : जिले भर में चार मेडिकल दुकानें छोड़कर सभी दवा की दुकानें बंद रहने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. शहर में मात्र दो मेडिकल ही खोले गये थे. जिसमें सदर अस्पताल रोड महावीर मेडिकल और मेडिकल कॉलेज स्थित महेंद्र मेडिकल शामिल थे.
जबकि पूरे शहर भर में जहां भी चिकित्सक मरीजों को दवाई लिखें वह दवाई लेने के लिए इधर उधर भटकने के लिए मजबूर हुए. दुर्गा स्थान के अभिषेक कुमार ने बताया कि मेरे पिता के पेट में अचानक से दर्द हो गया. जिसके लिए एक टेबलेट के लिए तरसना पड़ गया. अभिषेक ने बताया कि पूरे शहर का भ्रमण करने के बाद महावीर मेडिकल में दवाई मिल पायी.
कोढ़ा से आये मो फैजुल अपने बच्चे को चिकित्सक के दिखाने के बाद दवाई के लिए भटकते रहे. तेजा टोला की रहने वाली मोनिका देवी ने बताया कि बच्चे की अचानक तबीयत खराब होने से पूरे मिरचाईबाड़ी में मेडिकल खुला नहीं मिला. तब जाकर पता चला कि सदर अस्पताल के सामने ही दवाई मिल पायेगी.
कुल मिलाकर सभी मरीज पहले ही दिन से हड़ताल के कारण परेशान हुए. मेडिकल के बंद रहने से मरीजों ने इस तरह की हड़ताल को भी गलत ठहराया और कहा कि यदि दवाई के अभाव में किसी की जान चली जाय तो इसका जवाब कौन देगा. मरीजों ने कहा कि सरकार और केमिस्ट के इस लड़ाई में आम जनता बीच में क्यों पीसे.
खुले मेडिकल में मरीजों का लगा रहा तांता : शहर के सदर अस्पताल के ठीक सामने महावीर मेडिकल खुले रहने पर वहां पर मरीजों का दिन भर तांता लगा रहा. मरीज दवाई के लिए अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ रहे थे. जबकि कई मरीजों को लिखे दवाई नहीं मिलने से उनकी परेशानी और बढ़ गई थी.
चिकित्सक के लिखे दवाई सेम कंपनी का नहीं मिलने के बाद भी मरीज दूसरे कंपनी की दवाई लेने के लिए तैयार हो रहे थे. दवाई ले रहे मनोज गुप्ता, गिरजा देवी, अशोक कुमार, पंकज यादव ने बताया कि पूरे शहर भर में मेडिकल खुले नहीं रहने से काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. चिकित्सक द्वारा लिखे गए दवाई सभी दवाई मेडिकल में उपलब्ध नहीं है.
एक दिन की बात हो तो किसी तरह से दिन को काट लिया जाय. लेकिन तीन दिन तक मेडिकल के बंदी के कारण परेशानी को और बढ़ा दिया है. सभी ने कहा कि कुछ दवाई सेम कंपनी की उपलब्ध नहीं है. लेकिन दूसरी कंपनी की दवाई मिल रही है. मजबूरन दूसरी कंपनी की दवाई लेने के लिए भी बाध्य होना पड़ रहा है.
करोड़ों का दवा कारोबार प्रभावित : दवा दुकानदारों के तीन दिवसीय हड़ताल के पहले ही दिन दवा कारोबार को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है. जिले में दो हजार दवा की छोड़ी बड़ी दुकानें संचालित हो रही है. एसोसिएशन का दावा है कि पहले ही दिन दवा कारोबार को करोड़ों का नुकसान हुआ है. दरअसल अंग्रेजी दवा का कारोबार वृहद पैमाने पर बढ़ चुका है.
सरदी, खांसी, बुखार, पेट दर्द, सर दर्द जैसे मरीजों को भी चार से पांच सौ की दवा चिकित्सक लिख रहे हैं. एक दवा के बदले कई तरह की दवा लिखी जा रही है. बड़े बीमारी में यह आंकड़ा काफी बड़ा हो जाता है.
दुकान बंद कर एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य बैठे रहे हड़ताल पर : जिला केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी फार्मासिस्ट समस्या विभाग उत्पीड़न व शोषण के खिलाफ शहर के सिंधी पंचायत में हड़ताल पर बैठे रहे.
एसोसिएशन के सचिव वीरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि फार्मासिस्ट के नाम पर विभाग द्वारा मेडिकल संचालकों को परेशान और शोषण करते हैं. हमारी सात सूत्री मांगों पर अब तक सरकार का कोई सकारात्मक फैसला नहीं आया है.
इससे पूर्व भी एसोसिएशन के द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया गया था. जिस पर आश्वासन पर विरोध थमा था. लेकिन अब तक हमारी मांगों को लेकर कोई सकारात्मक पहल होता नजर नहीं आ रहा है. सचिव उपाध्याय ने कहा की मांगों को लेकर अब आर पार की लड़ाई लड़ी जायेगी. सभी थोक और खुदरा मेडिकल दुकानदारों ने अपनी एकता का परिचय देते हुए हड़ताल को सफल बनाया है.
इस अवसर पर संयोजक शंकर प्रसाद गुप्ता, इंद्र भूषण प्रसाद, लक्ष्मीकांत अग्रवाल, प्रशांत कुमार, हाजी शहवाज हसन, पंकज कुमार साह, ओम प्रकाश मित्तल, लक्खी महतो, सरवन मध्यानी, किशोर कुमार, शमीम अख्तर, विजय कुमार भगत, मधुकर कुमार, मनोज साह, संजय कुमार, अरुण, पंकज, राकेश कुमार आदि उपस्थित थे.
60 दवा दुकानें खुला रहने का किया दावा
कटिहार. दवा दुकानों के तीन दिवसीय बंदी को लेकर शहर के मरीजों में दवा की उपलब्धता को लेकर अफरा-तफरी की स्थिति रही. इस बीच सहायक औषधि नियंत्रक ने दावा किया है कि जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 60 दवा दुकानें खुली रही. इस आशय संबंधित एक रिपोर्ट राज्य औषधि नियंत्रक पटना को भेजा गया है.
जबकि ग्राउंड रियलिटी इसके विपरीत रही है. कुछ दवा दुकानों को छोड़कर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश दवा दुकान बंद रहा है. औषधि निरीक्षक अजय कुमार रसिक ने बताया कि मरीजों को दवा नहीं मिलने से संबंधित कोई शिकायत अभी तक प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि केमिस्ट एसोसिएशन के साथ बातचीत हुयी है तथा कुछ दुकानों को खोले जाने की सहमति बनी है.
मौके पर मनिहारी प्रखंड कमेटी अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद गुप्ता, सचिव अनुप कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष शंकर प्रसाद चौरसिया, सुभाष गुप्ता, रवि प्रभाकर गुप्ता, कृष्णा गुप्ता, अजय मंडल, राकेश पाण्डेय, वीर प्रताप सिंह, मुन्ना ओझा, युगलकिशोर चौधरी, अजय मंडल, सिंटू कुमार, सुरेश मंडल, भोलू गुप्ता, सुनील सिंह, नगर पार्षद मो कैश, विकास चौधरी, संजय कुमार, केशव सिंह, संजय साह, नीशु गुप्ता, रूपेश कुमार आदि मौजूद थे.

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