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एसआरएम हॉस्पीटल बंद होने के बाद जुबानी जंग

हॉस्पीटल के सदस्य डॉ शमीम ने पत्रकारों को दी जानकारी कटिहार : शहर के डीएस कॉलेज रोड नहर के समीप अवस्थित एसआरएम हॉस्पीटल आपसी विवाद को लेकर बंद हो गया है. हॉस्पिटल के सदस्य डॉ शमीम अली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बताया कि एसआरएम हॉस्पिटल कई प्रतिष्ठित लोगों एवं मकान मालिकों के सहयोग से […]

हॉस्पीटल के सदस्य डॉ शमीम ने पत्रकारों को दी जानकारी

कटिहार : शहर के डीएस कॉलेज रोड नहर के समीप अवस्थित एसआरएम हॉस्पीटल आपसी विवाद को लेकर बंद हो गया है. हॉस्पिटल के सदस्य डॉ शमीम अली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बताया कि एसआरएम हॉस्पिटल कई प्रतिष्ठित लोगों एवं मकान मालिकों के सहयोग से खोला गया था. मालिक के पास समय नहीं होने के कारण इसके संचालन की जिम्मेदारी डॉ मायानंद प्रसाद को दी गयी थी, जिसे वह अपने हिसाब से चला रहे थे तथा होने वाली आय अपने पास रखते थे. विगत एक वर्षों से इस हॉस्पिटल का जो भी आय व व्यय हुआ है. इसका लेखा-जोखा भी मायानंद प्रसाद के द्वारा सदस्यों को नहीं दिया गया है.
सदस्यों द्वारा लेखा-जोखा मांगे जाने पर मायानंद प्रसाद ने यह कह कर साफ इंकार कर दिया कि आप लोगों का इसमें कोई योगदान नहीं है और न ही आप लोगों की कोई हिस्सेदारी मिलेगी. उन्होंने कहा कि जब हम लोगों ने देखा कि आम गरीब जनता का इलाज के दौरान दोहन और शोषण किया जा रहा है तथा काफी लोग उचित इलाज के अभाव में मर रहे हैं, तो हम लोगों ने विरोध किया. अस्पताल की लिस्ट देखने पर यह पता चल जायेगा कि वहां कोई भी विशेषज्ञ डॉ नियुक्त नहीं थे.
डॉक्टर मायानंद द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि इस अस्पताल में गरीब जनता का अच्छा इलाज कम पैसे में किया जायेगा. लेकिन उनके द्वारा गरीब जनता से भारी भरकम फीस वसूल कर लूटा जाने लगा. डॉ शमीम ने कहा कि मायानंद प्रसाद के ऊपर भारत के कई शहरों में जालसाजी ठगी तथा देशद्रोह जैसे कई आपराधिक मामले न्यायालय में लंबित हैं. उन्होंने कहा कि कटिहार जिला के लोग यह जान कर खुश थे कि जिले में सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल खुल रहा है.
लेकिन मायानंद ने बिहार के पूर्व राज्यपाल तथा वर्तमान में देश के राष्ट्रपति का नाम बेच कर यहां के लोगों को ठगने का काम किया है. उन्होंने बताया कि जिले के प्रतिष्ठित एवं सामाजिक व्यक्ति जिनका योगदान समाज के हित में बराबर रहा है. यह सोच कर अपने जमीन को इस व्यक्ति को दिया था. समाज का कल्याण होगा.
लेकिन सारा कार्य गरीबों के विरुद्ध किया गया. उन्होंने कहा कि इस संस्था के कोषाध्यक्ष अनामिका पासवान पूरे बिहार में दलित मुद्दा उठाकर लोगों को भय दिखा कर कई संस्थाओं को चूना लगाने का काम किया है. इतना ही नहीं श्रीमती पासवान ने पूरे बिहार के कई लोगों से इस हॉस्पिटल के हिस्सेदार बनाने के नाम पर मोटी रकम ली है. डॉ शमीम अली ने कहा कि डॉ मायानंद प्रसाद और अनामिका पासवान ने कुछ हथियार बंद अज्ञात अपराधियों को अस्पताल के इर्द-गिर्द लगा रखा है, जिससे वह बलपूर्वक अस्पताल पर कब्जा कर सके.

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