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Kaimur News : अक्षय तृतीया पर 100 से अधिक होंगी शादियां

हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया पर्व का बहुत अधिक महत्व होता है. अक्षय तृतीया का पर्व इस वर्ष अत्यंत विशिष्ट संयोगों के साथ 30 अप्रैल बुधवार को मनाया जायेगा. बुधवार को रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग एक साथ बन रहे हैं.

भभुआ सदर. हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया पर्व का बहुत अधिक महत्व होता है. अक्षय तृतीया का पर्व इस वर्ष अत्यंत विशिष्ट संयोगों के साथ 30 अप्रैल बुधवार को मनाया जायेगा. बुधवार को रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग एक साथ बन रहे हैं. मांगलिक कार्यों के लिए अक्षय तृतीया पर्व को हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना गया है. मान्यता है कि अक्षय तृतीया विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना जाता है. इस दिन किये गये शुभ कार्य, दान, उपवास और व्रत का अक्षय फल अर्थात संपूर्ण फल मिलता है. अक्षय तृतीया के दिन स्वयंसिद्ध योग भी होते हैं और इस दिन बिना मुहूर्त निकलवाये कोई भी शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है, इसीलिए लोग बिना पंचांग देखे अक्षय तृतीया के दिन विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार, धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ, घर, भूखंड या नये वाहन आदि की खरीदारी करते हैं. ज्योतिष शास्त्री पंडित उपेंद्र तिवारी के अनुसार बैशाख शुल्क पक्ष की तृतीया तिथि को किये कार्य का क्षय नहीं होता. बैशाख भगवान विष्णु का माह माना गया है. भगवान शंकर को भी तृतीया तिथि प्रिय है. इस वर्ष अक्षय तृतीया पर कई ग्रहों व नक्षत्र के साथ स्वार्थ सिद्धी योग भी बन रहा है. वर्षों बाद अक्षय तृतीया बुधवार के दिन पड़ रहा है, इससे इस दिन की महत्ता और बढ़ गयी है. पंडित उपेंद्र तिवारी के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया पर बहुत से शुभ योग बन रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग के अलावे जो अन्य शुभ योग बनने वाले हैं, उनमें शोभन योग दोपहर 12 बजकर दो मिनट तक रहेगा. जबकि, रवि योग शाम को चार बजकर 18 मिनट से शुरू होकर पूरी रात रहने वाला है. अक्षय तृतीया की शुरुआत 29 अप्रैल की शाम पांच बजकर 31 मिनट पर होगी, जो 30 अप्रैल की दोपहर दो बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए अक्षय तृतीया की पूजा और खरीदारी सहित शादी-व्याह करना 30 अप्रैल को ही सबसे शुभ है. अक्षय तृतीया की पूजा के लिए इन दिन प्रात: पांच बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक का समय शुभ है. इस दुर्लभ संयोग में किया गया हर पुण्यकर्म अक्षय फल देने वाला होगा और जीवन में सुख, समृद्धि तथा उन्नति के द्वार खोलेगा. =अक्षय तृतीया पर शादियों की रहेगी धूम इस बार अक्षय तृतीया पर कीमती धातुओं की खरीदारी ही नहीं, शादियों की भी काफी धूम होगी. कैमूर में दर्जनों जोड़ियां सात फेरे लेकर इस दिन को यादगार बनाने की तैयारी में हैं. अक्षय तृतीया के दिन होनेवाली शादी-ब्याह की तैयारी भी जोरों पर है. 30 अप्रैल को शादी-ब्याह के लिए शहर के धर्मशाला, होटल, लॉन में महीनों पहले बुकिंग भी हो गयी है. वहीं, इस दिन डेकोरेटर, कैटरर्स, बैंड-बाजे वाले भी शायद ही खाली मिले. शादी-ब्याह की तैयारी में खरीदारी भी तेज हो गयी है. आयोजन संबंधित कारोबार से जुड़े लोग अक्षय तृतीया के दिन भभुआ और मोहनिया में इस दिन सौ से अधिक शादियां होने का अनुमान लगाते हैं. =माता मुंडेश्वरी सहित अन्य मंदिरों में भी होंगी शादियां होटल, मैरेज पैलेस ही नहीं अक्षय तृतीया के दिन मंदिरों में भी जमकर शादियां होंगी. माता मुंडेश्वरी, नागा बाबा मंदिर अखलासपुर सहित भभुआ व मोहनिया शहर के प्राय: सभी प्रमुख मंदिरों में आयोजन की तैयारी है. शहर के अखलासपुर पोखर स्थित प्रसिद्ध नागा बाबा मंदिर में 30 अप्रैल के लिए दो माह पहले बुकिंग करायी गयी है. परिसर में केवल 30 अप्रैल को ही दर्जनों शादियां होंगी. महंगाई के चलते अब स्टाइलिश व हल्के सोने के गहनों की बढ़ी डिमांड अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना माना जाता है शुभ भभुआ सदर. सोने पर छायी महंगाई और बदलते दौर के साथ फैशन में आये बदलाव का असर ज्वैलरी मार्केट पर भी पड़ा है. महंगाई की वजह से हाल के वर्षो में ज्वैलरी का ट्रेंड भी लगातार चेंज होता जा रहा है. सोने-चांदी, हीरे आदि के आभूषणों की डिजाइन के साथ-साथ गोल्ड के विभिन्न रंगों और दूसरे प्रदेशों की फेमस डिजाइनों की मांग अब भभुआ और मोहनिया के बाजार में भी दिखने लगी है. रस्तोगी आभूषण भंडार के मालिक राजू रस्तोगी की माने तो हाल के दिनों में लाइट वेट सोने में स्टाइलिश ज्वैलरी की डिमांड बढ़ी है. इस बार आनेवाले अक्षय तृतीया पर इस तरह की ज्वैलरी काफी पसंद की जा रही हैं. सोने में भारी महंगाई को देखते हुए ज्वैलरी मार्केट में सस्ती और स्टायलिश ज्वैलरी की ही डिमांड है. इधर कुछ वर्षो में कम प्राइस में अच्छी डिजाइन की ज्वैलरी कस्टमर्स की पसंद बन रही है. एकता चौक पर स्थित अमित ज्वेलर्स के अमित सेठ ने बताया कि अक्षय तृतीया पर हल्की रिंग, चूड़ी, कंगन, हल्के चेन, नेकलेस सेट की डिमांड की संभावना है. शादियों के सीजन में लोग ज्वैलरी खरीद के लिए अक्षय तृतीया के मुहूर्त का लाभ लेना चाहते हैं. ज्वेलर्स की मानें तो 20 या 30 ग्राम गोल्ड के पैकेज में सभी आभूषणों की खूब डिमांड है. =अक्षय तृतीया के दिन ही मिला था कुबेर को खजाना ज्योतिषाचार्य हरीशंकर तिवारी की मानें तो अक्षय तृतीया काल से ही सोने चांदी का व्यापक महत्व है. इस बार 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया का त्योहार पड़ रहा है. पौराणिक मान्यता के अनुसार आज के ही दिन गंगा का अवतरण हुआ था. इसी दिन कुबेर को खजाने का मालिक बनाया गया था. सतयुग और त्रेता युग का आरंभ भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था. महर्षि परशुराम और मां अन्नपूर्णा का जन्म भी इसी दिन हुआ था. तीर्थस्थल बद्री नारायण का कपाट भी भक्तों के दर्शन के लिए इसी दिन खुलता है. इसी दिन भगवान कृष्ण और सुदामा की मुलाकात हुई थी. महाभारत का युद्ध इसी दिन समाप्त हुआ था. और इसी दिन स्वर्ण आभूषण खरीदने से सुख समृद्धि की वृद्धि होती है.

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