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सीरियस नेचर के केस का एसडीपीओ नहीं निकालेंगे फाइनल ऑर्डर

एक बार फिर पुलिस मुख्यालय द्वारा थाने में दर्ज होने वाले कांडों के सुपरविजन व फाइनल ऑर्डर निकालने के नियम में बदलाव किया गया है. सबसे बड़ा बदलाव सीरियस नेचर के केस के फाइनल आर्डर निकालने को लेकर किया गया है

भभुआ कार्यालय. एक बार फिर पुलिस मुख्यालय द्वारा थाने में दर्ज होने वाले कांडों के सुपरविजन व फाइनल ऑर्डर निकालने के नियम में बदलाव किया गया है. सबसे बड़ा बदलाव सीरियस नेचर के केस के फाइनल आर्डर निकालने को लेकर किया गया है. डीजीपी विनय कुमार द्वारा 20 फरवरी को जारी किये गये आदेश के मुताबिक, अब सीरियस नेचर के किसी भी केस में एसडीपीओ फाइनल ऑर्डर नहीं निकलेंगे, यानी एसडीपीओ के पास सीरियस नेचर के केस का कंट्रोल नहीं होगा. सीरियस नेचर के सभी केस में पूर्व की तरह अब सिर्फ एसपी द्वारा ही फाइनल ऑर्डर निकाला जाचेगा. बीच में जब आइएस भट्टी डीजीपी बने थे, तब उनके द्वारा दर्ज कांड के सुपरविजन व फाइनल आर्डर निकालने संबंधी नियम में कई बदलाव किये गये थे. उनके द्वारा सीरियस नेचर के केस में भी एसडीपीओ को फाइनल आर्डर निकालने का अधिकार दिया गया था. लेकिन, उसे अब नये डीजीपी विनय कुमार द्वारा पुलिस मैनुअल का हवाला देते हुए 20 फरवरी को पत्र जारी कर इसे समाप्त कर दिया गया है. जारी पत्र में सीरियस नेचर के केस में सर्किल इंस्पेक्टर को भी सुपरविजन प्रगति रिपोर्ट निकालने का अधिकार दिया गया था. = सीरियस और नॉन सीरियस दो तरह के होते हैं केस दरअसल, थानों में जितनी भी प्राथमिकी दर्ज करायी जाती हैं उसमें से कौन से मामले सीरियस नेचर के केस में आते हैं उसका विस्तार से नियम पुलिस मैनुअल में बनाया गया है. इसके अतिरिक्त एसपी को यह अधिकार दिया गया है कि वह नॉन सीरियस नेचर के केस को भी अपने विवेक के अनुसार सीरियस नेचर के केस के रूप में चयन कर सकते हैं और उस केस का पर्यवेक्षण फाइनल ऑर्डर सीरियस नेचर के केस के लिए बनाये गये नियमों के अनुसार होता है, जब कोई पीड़ित व्यक्ति द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी जाती है तो उसके बाद एसपी द्वारा पुलिस मैन्युअल में बनाये गये नियमों के मुताबिक केस को सीरियस नेचर का और नॉन सीरियस नेचर केस होने का चयन कर उसमें कौन सुपरविजन करेगा और किसके द्वारा फाइनल आर्डर निकाला जायेगा यह आदेश दिया जाता है. = सीरियस नेचर के केस के अनुसंधान में एसपी को भी बनाया गया है जिम्मेदार हालांकि, पहले भी यह नियम था कि सीरियस नेचर के केस में जिसमें एसडीपीओ द्वारा फाइनल आर्डर निकाल दिया गया है, उसमें एसपी चाहे तो स्वयं समीक्षा कर फाइनल आर्डर निकाल सकते हैं. लेकिन एसपी इसके लिए बाध्य नहीं थे. लेकिन अब जो डीजीपी द्वारा 20 फरवरी को पत्र जारी किया गया है उसमें सभी सीरियस नेचर के केस में फाइनल आर्डर निकालने के लिए एसपी बाध्य होंगे व इससे गंभीर किस्म के आपराधिक मामलों के अनुसंधान में एसपी पर भी जिम्मेदारी फिक्स होगी.

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Prabhat Khabar News Desk
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