मोहनिया सदर. अपनी पांचवें चरण की प्रगति यात्रा पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को भरखर गांव पहुंचे. सुबह 10:47 बजे उनके हेलीकॉप्टर ने हेलीपैड पर लैंड किया. इससे पहले सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने डीआइजी सत्य प्रकाश का हेलीकॉप्टर 10:20 पर हेलीपैड पर उतरा. सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेकर डीआइजी पूरी तरह संतुष्ट हो गये, तब सीएम का हेलीकॉप्टर पहुंचा. हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से पंचायत सरकार भवन पहुंचे, जहां डीएम सावन कुमार ने बुके भेंटकर सीएम का स्वागत किया. वहीं, मुखिया द्वारिका सिंह ने सीएम को मेमेंटों के रूप में राम, लक्ष्मण, सीता व हनुमान की चांदी निर्मित मूर्ति व अंगवस्त्र भेंट कर उनका अभिनंदन किया. विनोद कुमार राम ने भी सीएम का गुलदस्ता देकर स्वागत किया. इसके बाद भरखर पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फीता काटकर एक करोड़ नौ लाख की लागत से बने पंचायत सरकार भवन का उद्घाटन किया. उनके साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय चौधरी भी थे. उद्घाटन के बाद सभी आधुनिक इ-रिक्शा पर सवार होकर तालाब और पोखर के जीर्णोद्धार, छठ घाट, हरियाली पार्क का निरीक्षण किया. रिमोट से उद्घाटन व शिलान्यास किया. निरीक्षण करते हुए सीएम उत्क्रमित उच्च विद्यालय भरखर पहुंचे. इसके बाद बगल में ही 13 विभागों के लगाये गये स्टालों का निरीक्षण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने मोहनिया अनुमंडल को करोड़ों रुपये की योजनाओं की सौगात दी. इस दौरान उनके साथ श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान, विधायक संगीता कुमारी, रामगढ़ विधायक अशोक कुमार सिंह भी मौजूद रहे. सुबह से बैठी जीविका दीदियां हुईं मायूस पंचायत सरकार भवन के सामने तालाब में बनाये गये छठ घाट की सीढ़ियों पर हरे, नारंगी व पीले रंग की साड़ियां पहनकर सुबह छह बजे से ही पंचायत के विभिन्न गांवों से बिना कुछ खाये-पिये आयी जीविका दीदियां इस उम्मीद के साथ बैठी रहीं कि मुख्यमंत्री उन लोगों से वार्तालाप करेंगे. लेकिन, जब दीदियों से बिना कुछ बोले ही मुख्यमंत्री हरियाली पार्क को देखते हुए उत्क्रमित विद्यालय की तरफ बढ़ गये, तो सभी जीविका दीदियां मायूस हो गयीं. स्टालों का निरीक्षण कर सीएम का काफिला बाजार समिति के लिए रवाना हो गया, तो दीदियों के धैर्य का बांध टूट गया और नाराजगी जताते हुए वापस लौट गयीं. ग्रामीणों में नाराजगी, पुलिस ने लोगों को रोके रखा तालाब के एक छोर पर पुलिस ने सभी ग्रामीणों को बैरिकेडिंग कर रोके रखा था. इसका नतीजा रहा कि ग्रामीण नीतीश कुमार से नहीं मिल सके. पहले तो लोग उत्साह में नीतीश कुमार जिंदाबाद के नारे लगाते रहे, लेकिन जब उन्हें मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया गया और मुख्यमंत्री कार्यक्रम को पूर्ण कर बाजार समिति के लिए निकले, तो ग्रामीण मायूस हो गये. लोगों का कहना था कि जब से मुख्यमंत्री के आगमन की तिथि सुनिश्चित हुई थी, हम लोगों को बहुत उम्मीद थी कि हम लोग मुख्यमंत्री से मिलकर कुछ बातें करेंगे. अपनी समस्याओं को भी उनसे साझा करेंगे. लेकिन, मुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही हम लोगों को एक तरह से पुलिस व प्रशासन द्वारा मानों नजरबंद कर दिया गया हो. सुरक्षा के लिए किये गये थे व्यापक प्रबंध सीएम की सुरक्षा को लेकर भरखर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था. साथ ही सीएम को जिन-जिन मार्गों से होकर गुजरना था, उनके आसपास के घर की छतों पर भी पुलिस के जवान तैनात किये गये थे. सीएम के आगमन से पहले ही कमांडो दस्ते ने पूरे एरिया को अपने कब्जे में ले रखा था और किसी भी व्यक्ति को सीएम के कार्यक्रम स्थल की तरफ जाने की अनुमति नहीं थी.
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