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मोहनिया सदर : प्रभात खबर ने विगत आठ मार्च के अपने अंक में ”बघिनी व बघिनीकला के झमेल में फंसा हेडमास्टर की नियुक्ति” शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके बाद डीपीओ स्थापना द्वारा जारी आदेश में दूसरी बार संशोधन करते हुए यह स्पष्ट कर दिया गया कि उत्क्रमित उच्च विद्यालय बघिनी […]

मोहनिया सदर : प्रभात खबर ने विगत आठ मार्च के अपने अंक में ”बघिनी व बघिनीकला के झमेल में फंसा हेडमास्टर की नियुक्ति” शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके बाद डीपीओ स्थापना द्वारा जारी आदेश में दूसरी बार संशोधन करते हुए यह स्पष्ट कर दिया गया कि उत्क्रमित उच्च विद्यालय बघिनी में प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में काशी प्रसाद योगदान करेंगे. खबर छपने के बाद आनन-फानन में सोमवार को विद्यालय का नाम स्थान सहित स्पष्ट कर दिया गया.

मंगलवार को बीइओ कार्यालय से भी काशी प्रसाद को बघिनी विद्यालय में योगदान करने के लिए विरमित करने की तैयारी यानी पत्र तैयार किया जा रहा था. हालांकि, इसके पहले उत्क्रमित उच्च विद्यालय बघिनी में हाईस्कूल के शिक्षक ने भी उत्क्रमित उच्च विद्यालय का प्रभार लेने के लिए बोर्ड के सचिव द्वारा जारी पत्र का हवाला देते हुए बीइओ कार्यालय पहुंचे थे.
पत्र के आलोक में वरिष्ठता को प्रधानता देते हुए वर्ग एक से आठ तक का प्रभार देवमुनी राम को तथा हाईस्कूल का प्रभार सीपिन कुमार गुप्ता को दिया गया था. लेकिन, इस बार डीपीओ स्थापना द्वारा जारी पत्र में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि उत्क्रमित उच्च विद्यालय बघिनी के प्रभारी प्रधानाध्यापक काशी प्रसाद को नियुक्त किया जाता है. हालांकि मंगलवार को बीइओ कार्यालय में पूरा दिन यह चर्चा का विषय बना रहा कि काशी प्रसाद के लिए उत्क्रमित उच्च विद्यालय का प्रभार लेना आसान नहीं होगा.
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना अपने ही आदेश में स्पष्ट नहीं कर सके थे कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरपोखर के पूर्व में निलंबित प्रभारी प्रधानाध्यापक काशी प्रसाद को निलंबन मुक्त करने के बाद आखिर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बघिनी में स्थानांतरित किया गया है या उत्क्रमित मध्य विद्यालय बघिनीकला में. हालांकि यदि हम डीपीओ स्थापना के ज्ञापांक 1474/स्था 10 अक्तूबर 2018 को जारी पत्र का अवलोकन करें तो उसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है
कि काशी प्रसाद प्रभारी प्रधानाध्यापक उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरपोखर को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही के अधीन किया गया था. निलंबन के फलस्वरूप आरोपों के जांच के लिए प्राधिकृत पदाधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराये गये जांच प्रतिवेदन में भिन्नता पाये जाने के कारण काशी प्रसाद को विभागीय कार्यवाही के अधीन रखते हुए प्रशासनिक दृष्टिकोण से उत्क्रमित मध्य विद्यालय बघिनी प्रखंड मोहनिया में स्थानांतरित करते हुए निलंबन मुक्त किया जाता है.
इधर, डीपीओ के पत्रांक 328/ स्थापना एक मार्च 2019 के आलोक में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रामपुर ने निलंबन मुक्त होने के बाद काशी प्रसाद को स्थानांतरित विद्यालय में योगदान करने के लिए पांच मार्च 2019 को विरमित कर दिया. ज्ञात हो कि निलंबन के दौरान काशी प्रसाद को बीइओ रामपुर के कार्यालय में रखा गया था. विरमित होने के बाद बीइओ रामपुर के ज्ञापांक 58 दिनांक पांच मार्च 2019 के आलोक में विगत छह मार्च को बीइओ कार्यालय मोहनिया में योगदान किया.
लेकिन, काशी प्रसाद को उनके स्थानांतरित विद्यालय में योगदान करने के बजाय बीइओ ने डीपीओ स्थापना को पत्र लिख कर मार्ग दर्शन मांगते हुए लिखा था कि मोहनिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बघिनी व उत्क्रमित मध्य विद्यालय बघिनीकला है. पत्र में अंकित विद्यालय का नाम दोनों में से किसी का मेल नहीं हो पा रहा है. इस तरह बघिनी व बघिनीकला के पेच में फंसा स्थानांतरण के खेल में मामला उलझ गया था, जो सोमवार को स्पष्ट हो गया.

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