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होली के रंग में डूबा गांव से लेकर शहर

होली को लेकर उल्लास चरम पर है. शहर में जहां होली मिलन कार्यक्रमों की धूम रही. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में फागुआ गायन होते रहा.शहर के बाजार पर होली का रंग चढ़ गया है.

अरवल

. होली को लेकर उल्लास चरम पर है. शहर में जहां होली मिलन कार्यक्रमों की धूम रही. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में फागुआ गायन होते रहा.शहर के बाजार पर होली का रंग चढ़ गया है. लोगों में भी उमंग है. होली के रंगों से बाजार सजा हुआ है. रंगों के प्रति लोगों में जागरुकता भी नजर आ रहे है. यही वजह है कि रासायनिक रंगों के बजाय अबीर-गुलाल लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं. होली पर्व के रंग में बाजार रंगने लगा है. रेडीमेड कपड़े और पिचकारी की दुकाने सजी हुई है. हालांकि बाजार में देर शाम तक खरीदारों की भीड़ लगी हुई देखी गयी. ग्रामीण अंचलों से आए लोग बच्चों के लिए होली का कपड़ा खरीद रहे हैं. होलिका दहन जिला के शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में होलिका दहन की तैयारियां की जा रही हैं. एक सप्ताह पूर्व से ही हुरियारे होली जलाने लिए होलिका दहन के लिए गोयठा, लकड़ियां एकत्रित कर लोग होलिका दहन की तैयारी कर रहे है. गांव एवं शहर में खासकर छोटे छोटे बच्चे होलिका की तैयारी किये.

10 बजकर 30 मिनट तक भद्रा रहेगा उसके बाद ही होलिका दहन होगाइस वर्ष 13 मार्च को होलिका दहन और 15 मार्च को होलि का उत्सव मनाया जाएगा. पर्व को लेकर युवा उत्साहित हैं. पुरानी परंपराओं के अनुसार आज भी बहुत से गांवों में बड़े-बुजुर्गों के सानिध्य में देर रात को मुहूर्त के अनुसार होलिका दहन किया जाता है, जिसमें गांव के सभी लोग एक साथ एकत्रित होकर होलिका का पूर्ण रीति रिवाज के अनुसार दहन करते हैं. उनकी कामना रहती है कि सभी में आपसी प्रेम व सद्भाव बना रहे. होलिका दहन के साथ ही सभी एक-दूसरे को बधाई देते हुए रंग व गुलाल से खुशियां मनाते हैं. होलिका दहन हर जगह कोई चिन्हित स्थान पर किया जाता है. मुख्य चौराहे या किसी मंदिर के पास या गांव के बाहर होलिका दहन का रिवाज सदियों से चला रहा है. होलिका दहन आज भी पुरानी रीति-रिवाज व निर्धारित मुहूर्त के हिसाब से होता है. होलिका दहन के बाद पहले दिन आज भी कीचड़ की होली खेलने का रिवाज वर्षों पूर्व की परंपरा के अनुसार चला आ रहा है. होली मिलन समारोह के माध्यम से शहर में विभिन्न संगठनों द्वारा फाग सजाकर पुरानी परंपराओं को सहेजने की कोशिश की जाती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पुरानी परंपरा की झलक देखने को आसानी से मिल जाती है.देर रात हुआ होलिका दहन : जिला के शहरी और ग्रामीण इलाकों में देर रात लोग होलिका दहन किये. और इसके साथ ही होली का उत्सव आरम्भ हो गया. इस बार होलिका दहन के दूसरे दिन यानि शनिवार को रंग उत्सव मनाया जायेगा. जहां पर लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर बधाई देंगे.

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