जागरूकता. कार्यशाला में अगलगी से बचाव के बताये गये तरीके
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सुबह नौ बजे के पहले बना लें खाना
जागरूकता. कार्यशाला में अगलगी से बचाव के बताये गये तरीके जहानाबाद : तेज पछुआ हवा एवं भीषण गरमी के कारण जिले में अगलगी की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन सजग है. इससे बचाव के तरीके से लोगों को अवगत कराया जा रहा है. सभी प्रखंडों में कार्यशाला कर लोगों को जागरूक किया […]
जहानाबाद : तेज पछुआ हवा एवं भीषण गरमी के कारण जिले में अगलगी की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन सजग है. इससे बचाव के तरीके से लोगों को अवगत कराया जा रहा है. सभी प्रखंडों में कार्यशाला कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. हाल के दिनों में हुई अगलगी में गरीबों के आशियाने उजड़ गये, तो खेत-खलिहानों में रखी किसान मजदूरों की फसल जल कर स्वाहा हो गयी. सदर प्रखंड कार्यालय के सभागार में कार्यशाला का आयोजन कर अगलगी से बचाव की जानकारी दी गयी.
प्रखंड प्रमुख फुलेश्वर रजक ने कार्यशाला का उद्घाटन किया जिसमें सभी पंचायतों के जनप्रतिनिधि शामिल हुए. इस मौके पर बतौर प्रशिक्षक के रूप में सदर अंचल के सीओ सह प्रभारी बीडीओ सुनील कुमार शाह उपस्थित थे. उन्होंने अग्निकांड से बचाव के तरीके बताये. खाना बनाने, धार्मिक अनुष्ठान करने, खेत-खलिहानों के पास विशेष सावधानी बरतने समेत अन्य कई प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया. साथ ही पंचायत जनप्रतिनिधियों को सुझाव दिया गया कि वे अपनी-अपनी पंचायत में अगलगी से बचाव के लिए बताये गये तरीके का हर हाल में पालन कराएं और इसके लिए पंचायत जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र की जनता को इसका गंभीरता से पालन करने की नसीहत दें.
चूल्हे की चिनगारी से आग लगने का खतरा : आमतौर पर लोग अपने-अपने समय के मुताविक किचेन का काम करते हैं. खास कर ग्रामीण इलाके में रहनेवाले गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवार के लोग अब भी कोयले, लकड़ी, नेवारी के जलावन से खाना बनाते हैं. अभी तेज पछुआ हवा चल रही है. इस कारण चूल्हे से उठनेवाली चिनगारी से आग लगने का खतरा बना रहता है. नसीहत दी गयी कि लोग सुबह नौ बजे के पहले खाना बनाने का काम पूरा कर लें एवं रात का खाना शाम छह बजे के बाद बनाएं. ऐसा इसलिए बताया गया कि उक्त अवधि में पछुआ हवा की रफ्तार धीमी हो जाती है.
चूल्हे की आग को अच्छी तरह बुझाएं : प्राय: यह देखा जाता है कि चूल्हे पर खाना बनाने के बाद लोग लापरवाहीवश आग को अच्छे ढंग से नहीं बुझा पाते हैं, जो आग लगने का कारण बन जाता है. इससे बचने के लिए सावधानी यह बरतने की जरूरत है. खाना बनाने के बाद चूल्हे की आग को पानी से अच्छी तरह बुझा दें. पानी तब तक डालें जब तक वे संतुष्ट न हो जाएं कि आग बूझ चुकी है.
हवन अनुष्ठान सुबह नौ बजे से पहले करें : वर्तमान समय में धार्मिक अनुष्ठान करने में भी सावधानी बरतने की जरूरत है. कार्यशाला में पंचायत प्रतिनिधियों को इस विषय पर सुझाव दिया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को यह बताएं कि जिनके घर में धार्मिक अनुष्ठान है वे हवन का कार्य सुबह नौ बजे के पहले कर लें, ताकि हवन कुंड से चिनगारी न उठ सके. पूर्व में ऐसी घटना हो चुकी है.
खेत खलिहान के पास बरतें चौकसी
आग लगने की घटना से बचने के लिए खास कर ग्रामीण इलाके में खेत-खलिहानों के पास विशेष चौकसी बरतने की जरूरत है. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो नासमझी के कारण जो जलते हुए बीड़ी-सिगरेट के टुकड़े खेत या खलिहान में डाल देते हैं. तेज हवा के कारण धीरे-धीरे आग लग जाती है. ऐसी नौबत नहीं आये इसके लिए जरूरी है कि लोग चौकसी बरतते हुए खेत-खलिहान के आसपास बीड़ी-सिगरेट नहीं पीएं और न ही किसी को पीने दें. कार्यशाला में मुखिया विनय कुमार, रामप्रवेश यादव उर्फ कैलू, बबलू कुमार समेत सभी पंचायतों के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य एवं प्रखंड एवं अंचल के सभी कर्मी उपस्थित थे.
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