जहानाबाद : एडीजे प्रथम रामाकांत यादव के न्यायालय ने शुक्रवार को हत्या के प्रयास मामले में सुनवाई पूरी करते हुए राजेश शर्मा को भादवि की धारा 307 में दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी. साथ ही 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. वहीं भादवि की धारा 448/34 में छह माह के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपये अर्थदंड एवं शस्त्र अधिनियम की धारा 27(1) के तहत तीन साल सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. राजेश प्रसाद ने बताया कि शकुराबाद थाना क्षेत्र के कुंडला निवासी गिरिजेश शर्मा ने आरोप लगाया था कि 06 जुलाई 2014 को वह अपने घर के बरामदे में दुर्गा पाठ कर रहे थे,
तभी राजेश शर्मा, ब्रजेश शर्मा, कौशल शर्मा, सौरभ कुमार, रवि कुमार मंगलम मेरे घर के बरामदे में पहुंच गये और राजेश शर्मा ने गोली चला दी जो मेरे दाहिने हाथ में लगी. उतने में अन्य अभियुक्तों ने भी फायर कर दिया जिसमें गोली मेरी छाती, पीठ व हाथ में लगी. आवाज सुनकर मेरा भाई बचाने आया उस पर भी इनलोगों ने फायर कर दिया. सूचक ने घटना का कारण जमीन संबंधी विवाद बताया था.