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पारा 42 पार, दिन में सड़कें दिख रहीं सूनी

जमुई : गर्मी का मौसम अपने परवान पर है, सूरज आग उगल रहा है. जमीन सूरज के ताप से गर्म होकर लोगों की और परेशानी बढ़ा रही है. जिला मुख्यालय में प्रशासन की ओर से प्याऊ तक की व्यवस्था नहीं की गयी है. दरअसल जहां एक तरफ गर्मी के कारण पूरे दिन सड़क और बाजार […]

जमुई : गर्मी का मौसम अपने परवान पर है, सूरज आग उगल रहा है. जमीन सूरज के ताप से गर्म होकर लोगों की और परेशानी बढ़ा रही है. जिला मुख्यालय में प्रशासन की ओर से प्याऊ तक की व्यवस्था नहीं की गयी है. दरअसल जहां एक तरफ गर्मी के कारण पूरे दिन सड़क और बाजार सुनसान दिख रहे हैं.

वहीं जो लोग किसी मजबूरी में दिन में बाजार आते हैं उनके लिए किसी चौक चौराहे पर ना तो छांव की व्यवस्था की गयी है और ना ही पेयजल के लिए प्याऊ ही लगाया गया है. ऐसे में लोग गर्मी की तपिश में खुद को राहत पहुंचाने के लिए कभी पेड़ की छांव का सहारा लेते हैं, तो कभी दुकानों से बोतल बंद पानी खरीद कर प्यास बुझाने का प्रयास करते हैं.
बताते चलें कि जहां तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है वहीं गर्मी को लेकर शहर में कहीं भी सार्वजनिक प्याऊ तक नहीं लगाया जा सका है. इसे लेकर कर न तो अब तक प्रशासन ने कोई दिलचस्पी दिखायी है न ही किसी राजनीतिक दल या समाजसेवी की तरफ से ऐसी कोई पहल की गयी है. वहीं शहर के मुख्य चौराहों पर भी प्रशासन की तरफ से छांव की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. इस कारण लोगों को इस प्रचंड गर्मी में खड़े होकर वाहनों का इंतजार करना पड़ता है.
बच्चों की सेहत का रखें विशेष ध्यान: डॉ अमित
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अमित रंजन बताते हैं कि गर्मी के मौसम में खासकर बच्चों के सेहत का खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि जब भी नवजात या छोटे बच्चों को लेकर गर्मी में घर से बाहर निकाले तो यह प्रयास रखें कि उनका शरीर पूरी तरह से ढंका हुआ हो और वे पूरे कपड़े पहने हों.
नवजात को तौलिया लपेट कर ही घर से बाहर निकालें. चिकित्सक डॉक्टर रंजन ने बताया कि गर्मी के मौसम में छोटे बच्चों में लू लगने का खतरा बहुत अधिक रहता है. इसमें उनके शरीर में सोडियम पोटेशियम की मात्रा बढ़ जाने से उन्हें उल्टी और दस्त की शिकायत शुरू हो जाती है. इ
से लेकर बच्चों को भरपूर मात्रा में पानी पीने दें व जिंक का टेबलेट भी उन्हें दें, जो आसानी से बाजारों में उपलब्ध है. उल्टी और दस्त की शिकायत होने पर लू लगने की संभावना हो सकती है. ऐसी परिस्थिति में उनके तलवे व हाथ के बगल के दोनों हिस्सों में बर्फ लगाएं और बर्फ से ही सेकें.
इससे उनके शरीर का तापमान बहुत जल्दी घटता है तथा उन्हें त्वरित उपचार के लिए चिकित्सकों से भी संपर्क करें. डॉ रंजन ने बताया कि गर्मी के मौसम में खाली पेट रहने और कम पानी पीने से उन्हें लू लगने का खतरा अधिक होता है. इसलिए उन्हें ज्यादा समय तक खाली पेट नहीं रहने दें तथा समय-समय पर पानी व ओआरएस का घोल उन्हें देते रहें.
गर्मियों में तैलीय भोजन को कहें ना : डॉ मनीष
गर्मी के दिनों में स्वास्थ्य को सही रखने व लू और डिहाइड्रेशन का शिकार होने से बचने के लिए हमें अपने खानपान में भी परिवर्तन लाने की आवश्यकता है. इस बाबत चिकित्सक डॉ मनीष कुमार बताते हैं कि गर्मी के मौसम में तैलीय भोजन का प्रयोग नहीं करना चाहिए व वैसे भोजन का प्रयोग करने से भी बचना चाहिए.
इसमें मसालों का अधिक प्रयोग किया जाता है. डॉक्टर कुमार बताते हैं कि मांसाहारी भोजन मीट-मछली आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए तथा डिहाइड्रेशन का शिकार होने से बचने के लिए हमें दिन भर में कम से कम आठ लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए.
उन्होंने बताया कि अगर संभव हो सके तो समय-समय पर ओआरएस का घोल भी लेते रहना चाहिए. इसके अलावा चिकित्सक बताते हैं कि गर्मी के दिनों में हमें सादा भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए. इसमें हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी सब्जियां तथा साग का इस्तेमाल करना चाहिए. जबकि अपने भोजन में हमें मौसमी फल को भी जगह देनी चाहिए और फलों का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए. चिकित्सक बताते हैं कि अगर हमारा खान-पान सही रहता है तो गर्मी के मौसम में हम खुद को बहुत अधिक सुरक्षित कर पाते हैं.
लू से बचने के घरेलू उपाय भी हैं कारगर
धूप में निकलते वक्त छाते का इस्तेमाल करना चाहिए.
सिर ढंक कर धूप में निकलने से भी लू से बचा जा सकता है.
घर से पानी या कोई ठंडा शरबत आम पानी, शिकंजी, खस का शर्बत आदि पीकर बाहर निकलें.
तेज धूप से आते ही और ज्यादा पसीना आने पर फौरन ठंडा पानी नहीं पीना पीएं.
गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो.
पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू लगने का खतरा कम रहता है.
धूप में खाली पेट बाहर नहीं जाना चाहिए.
सब्जियों के सूप का सेवन करने से भी लू से बचा जा सकता है.
अब भी गांवों में काम आता है भुने आम को पीस कर लगाने का नुस्खा
गर्मियों का मौसम शुरू होते ही लू लगने का खतरा बहुत बढ़ जाता है. ऐसे में लोग तरह-तरह की सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं पर कई कारण बस लोग ये सावधानियां नहीं बरत पाते हैं और लू की चपेट में आकर बीमार पड़ जाते हैं. इसके बाद तरह तरह के इलाज और दवाइयों का सेवन करने को उन्हें विवश होना पड़ता है.
पर आज भी ग्रामीण इलाकों में लू से बचने का एक बहुत ही कारगर नुस्खा इस्तेमाल में लाया जाता है. दरअसल लू लगने के बाद भुने आम का लेप लगाने से बुखार में तुरंत राहत मिलती है और लू से पीड़ित व्यक्ति के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में अगर किसी को भी लू लगता है तो वह चिकित्सकीय इलाज के साथ-साथ इन घरेलू नुस्खों को आजमा कर भी खुद को ठीक कर सकता है.
लू के दौरान दरअसल लोगों को काफी तेज बुखार आता है और ऐसे में अगर बुखार 104 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच जाये तो सबसे जरूरी चीज यह है कि उसे बर्फ से सेंका जाये तथा उसके सिर पर बर्फ की पट्टी दी जाये. इससे पीड़ित को बुखार से तुरंत राहत मिलेगी.
इसके अलावे कच्चे आम को आग में भून कर उसके गूदे का लेप लगाकर छोड़ देने से भी लू से राहत मिलती है. वही कई जगहों पर इसका शरबत बनाकर भी पिलाया जाता है. और सबसे मजेदार बात यह है कि आज भी गांव में यह नुस्खा बड़ा ही कारगर है. लू लगने के बाद लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावे लू लगने की हालत में चिकित्सकीय सलाह और इलाज की तुरंत आवश्यकता होती है.

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