– सबके लिए खुल गया ‘ठाकुर का कुआं’
-प्रशासनिक हस्तक्षेप व राजनीतिक कार्यकर्ताओं के प्रयास से सुलझा मामला
– प्रभात खबर ने प्रमुखता से उठाया था मामला
जमुई : और आखिरकार प्रभात खबर ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए इस संभ्रांत समाज के काले चेहरे को उजागर करते हुए समाज के लिए एक और मिसाल प्रस्तुत किया है. इसके बाद अब ठाकुर का कुआं आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया है. दरअसल, जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूर भछियार मुहल्ले में चापाकल पर पानी लेने के लिए महादलित महिलाओं की कतार लगी रहने के बावजूद भी दूसरे चापाकल पर उन्हें पानी लेने से मना किया जाता था. इस मामले को प्रभात खबर ने बड़ी प्रमुखता से प्रकाशित किया तथा लगातार इस मामले पर प्रशासनिक पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से बात कर इस मामले का समाधान ढूंढ़ने का प्रयास किया जा रहा था.
लगातार प्रयास के तीसरे दिन शुक्रवार को अंततः प्रभात खबर के मुहिम ने असर दिखाया और दूसरे चापाकल पर भी महादलित महिलाओं ने पानी लेना शुरू कर दिया और उक्त मोहल्ले में महादलित परिवार की महिलाओं को उस चापाकल पर पानी लेने की अनुमति मिल गयी. इसके बाद उन महिलाओं ने प्रभात खबर के इस अभियान की भूरी-भूरी प्रशंसा की तथा उन्होंने कहा कि प्रभात खबर ने अपने सामाजिक दायित्वों का बहुत अच्छे से निर्वहन किया है.
क्या था मामला
बताते चलें कि जिला मुख्यालय से सटे महज 2 किलोमीटर दूर भछियार मुहल्ले में एक चापाकल पर पूरे दिन महादलित परिवार की महिलाओं की भीड़ लगी रहती थी तथा उन्हें पानी पीने व स्नान करने के लिए कतार में खड़े होना पड़ता था. जबकि वहां से महज 30 मीटर की दूरी पर लगा दूसरा चापाकल, चाहे वह खाली ही क्यों ना रहे उन महिलाओं की इतनी हिम्मत नहीं होती थी कि वह उस पर जाकर पानी ले सकें. प्रभात खबर ने इस मामले को बड़ी गंभीरता से लिया था तथा इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके बाद प्रशासनिक पदाधिकारी भी हरकत में आये तथा लगातार कार्रवाई करने की बात कह रहे थे.
वहीं कई राजनीतिक दलों के लोग भी इस मामले को लेकर हरकत में आकर इस मामले के निबटारे का प्रयत्न कर रहे थे. नगर परिषद की चेयरमैन रेखा देवी, कार्यपालक पदाधिकारी रामनिरंजन चौधरी, जदयू के दलित मोर्चा के महासचिव सह बहुजन दलित मोर्चा के अध्यक्ष गोल्डन अांबेडकर व सरपंच संघ के खैरा प्रखंड अध्यक्ष अनिल रविदास ने भी इस मामले में सराहनीय भूमिका निभायी. उन्होंने इस खबर के प्रकाशन के बाद मामले पर संज्ञान लेते हुए जमीनी स्तर पर जाकर इस मामले की पड़ताल की तथा दोनों पक्षों से बात विमर्श कर आपसी भाईचारा कायम करते हुए मामले का निष्पादन किया.
उधर, सामाजिक भाईचारे व सौहार्द के साथ नागरिकता व समानता के अधिकार तथा सम्मान की जीत होने के बाद लोगों में खुशी देखने को मिली तथा लोगों ने प्रभात खबर के इस कदम की काफी सराहना भी की. इसके बाद अब यह उम्मीद बंध गयी है कि आने वाले दिनों में उन महिलाओं को पानी पीने के लिए लाइन लग कर नहीं खड़े होना होगा तथा वह पूरी आजादी के साथ दोनों चापाकल पर एक समान रूप से पानी भर व पी सकती हैं.