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रमजान में रोजेदारों को देना होगा सब्र का इम्तिहान

गोपालगंज : माह-ए-रमजान का पाक महीना इस माह से शुरू होगा. कोरोना के वैश्विक महामारी के बीच इस बार रमजान में रोजेदारों को सब्र का इम्तिहान कुछ ज्यादा ही देना पड़ेगा. रोजे तकरीबन 15 घंटे से ज्यादा के होंगे. साथ ही भीषण गर्मी भी परेशान करेगी. अगर 24 अप्रैल को माह-ए-रमजान का चांद नजर आ […]

गोपालगंज : माह-ए-रमजान का पाक महीना इस माह से शुरू होगा. कोरोना के वैश्विक महामारी के बीच इस बार रमजान में रोजेदारों को सब्र का इम्तिहान कुछ ज्यादा ही देना पड़ेगा. रोजे तकरीबन 15 घंटे से ज्यादा के होंगे. साथ ही भीषण गर्मी भी परेशान करेगी. अगर 24 अप्रैल को माह-ए-रमजान का चांद नजर आ गया तो 25 अप्रैल (शनिवार) को पहला रोजा होगा. इमाम के मुताबिक अलग-अलग जगहों के हिसाब से समय में कुछ बदलाव हो सकता है. जामा मस्जिद के इमाम सइदुल्लाह कादिरी ने रोजा कार्ड जारी किया, ताकि रोजेदार घर में ही रहकर सेहरी व इफ्तार समय पर कर सकें.

वहीं मुस्लिम बस्तियों व मस्जिदों में रमजान की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.पहले रोजे का सेहरी भोर में 3.55 बजेइस्लामी कैलेंडर के मुताबिक पहले रोजे के सहरी का समय भोर में 3.55 तथा इफ्तार शाम छह बजकर 33 मिनट पर खोला जायेगा. इसी तरह आखिरी रोजे की सहरी का समय भोर में तीन बजकर 29 मिनट और इफ्तार शाम को छह बजकर 48 मिनट पर होगा. 15 वां रोजा सबसे छोटासहरी के आखिरी वक्त व इफ्तार के वक्त में परिवर्तन रमजान में कई बार होगा. 15वां रोजा सबसे छोटा होगा जो 15 घंटे का होगा.

रमजान के शुरुआती व अंतिम कुछ रोजे बड़े होंगे. गर्मी में जहां लोगों को पल-पल पानी की जरूरत महसूस होती है.साल में दस दिन हो जाता है कमहाफिज रहमत अली निजामी ने बताया कि 36 साल बाद रमजान पुन: उसी मौसम में पहुंच जाता है. इस्लामी कैलेंडर और अंग्रेजी कैलेंडर में एक साल में 10 दिन का अंतर आता है. ये अंतर इसलिए आता है कि इस्लामी कैलेंडर में 29-30 दिन का महीना होता है, वहीं अंग्रेजी कैलेंडर में 30-31 दिन का महीना होता है.

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