गोपालगंज. शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रहीं उम्मीदें 25 सितंबर को समिति की बैठक बेनतीजा रहने के बाद से ही टूट गयी थीं. सेवा निरंतरता, वेतन संरक्षण, प्रोन्नति और वरीयता जैसे अहम मुद्दों पर समाधान की आस लगाये बैठे शिक्षक अब पूरी तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. शिक्षा विभाग की गठित समिति को इन उलझे हुए मुद्दों पर रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन 25 सितंबर को हुई बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. अब समिति की अगली बैठक 10 अक्तूबर को तय है. इस बीच विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने की संभावना जतायी जा रही है. यदि ऐसा होता है, तो शिक्षकों की समस्याओं पर कोई ठोस फैसला फिलहाल नहीं हो पायेगा. इस कारण अब सभी शिक्षक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से किसी विशेष घोषणा की उम्मीद लगाये बैठे हैं. मुख्यमंत्री 28 सितंबर को गोपालगंज में संवाद कार्यक्रम में आ रहे हैं. शिक्षक वर्ग मानता है कि आचार संहिता लागू होने से पहले यदि मुख्यमंत्री कोई घोषणा कर देते हैं, तो उनकी वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान संभव हो सकेगा. जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के उपप्रधान सचिव रामबाबू गुप्ता ने कहा कि बैठक से कोई निष्कर्ष नहीं निकलने से हम सब बेहद निराश हैं. अब पूरी उम्मीद मुख्यमंत्री से है कि आचार संहिता से पहले वे हमारी समस्याओं का समाधान करेंगे. अब केवल उनसे ही आस है. फिलहाल, पूरा शिक्षक समाज 28 सितंबर के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की जुबान से निकलने वाले शब्दों का इंतजार कर रहा है.
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