मांझा : स्थानीय थाना क्षेत्र के विशंभरापुर गांव में बुखार से पीड़ित एक बच्चे की मौत हो गयी, जबकि दो बच्चियां बुखार से गंभीर रूप से पीड़ित हैं. बच्चे की मौत चमकी बुखार से होने की आशंका जतायी जा रही है. हालांकि सरकारी डॉक्टर ने इसकी पुष्टि नहीं की है. बताया जाता है कि छोटेलाल यादव का पुत्र आदित्य कुमार (छह वर्ष) पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित था.
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बुखार से पीड़ित बच्चे की मौत, दो आक्रांत
मांझा : स्थानीय थाना क्षेत्र के विशंभरापुर गांव में बुखार से पीड़ित एक बच्चे की मौत हो गयी, जबकि दो बच्चियां बुखार से गंभीर रूप से पीड़ित हैं. बच्चे की मौत चमकी बुखार से होने की आशंका जतायी जा रही है. हालांकि सरकारी डॉक्टर ने इसकी पुष्टि नहीं की है. बताया जाता है कि छोटेलाल […]
पीड़ित बच्चे का इलाज सीवान के अस्पताल में चल रहा था, जहां उसकी मौत हो गयी, वहीं उसकी छोटी बहन खुशबू कुमारी (तीन वर्ष) व इसी गांव की चिंता देवी की पुत्री नेहा कुमारी (चार वर्ष) बुखार से पीड़ित है. इन दोनों बच्चियों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां से डॉक्टरों ने लक्षण को देखते हुए व बेहतर इलाज को सदर अस्पताल रेफर कर दिया.
उधर, आदित्य की मौत चमकी बुखार से होने की आशंका परिजनों ने जतायी है. उनका कहना था कि बच्चे की नाक से खून बह रहा था और सिर में खुजलाहट हो रही थी. ये चमकी बुखार के लक्षण बताये जाते हैं. उधर, बच्चे की मौत की सूचना मिलने पर चिकित्सा प्रभारी डाॅ शाहिद नाजमी ने बच्चे के घर पहुंच कर जानकारी ली.
चमकी बुखार के ये हैं लक्षण
सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ चंद्रिका साह के मुताबिक इस बीमारी में शुरुआत में तेज बुखार से होती है. इसके बाद शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है. तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) काम करना बंद कर देता है. इस बीमारी में बच्चे तेज बुखार की वजह से बेहोश हो जाते हैं और उन्हें दौरे भी पड़ने लगते हैं. उनके जबड़े और दांत कड़े हो जाते हैं.
बुखार के साथ ही घबराहट भी शुरू होती है और कई बार कोमा में जाने की स्थिति भी बन जाती है. कई मौकों पर ऐसा भी होता है कि अगर बच्चों को चूंटी काटेंगे, तो उसे पता भी नहीं चलेगा, जबकि आम बुखार में ऐसा नहीं होता है. अगर बुखार के पीड़ित को सही वक्त पर इलाज नहीं मिलता है, तो मौत तय है.
ऐसे होगा इलाज
जैसे ही चमकी बुखार के लक्षण दिखाई पड़े वैसे ही बच्चे को मीठी चीजें खाने को देनी चाहिए. अगर संभव हो तो ग्लूकोज पाउडर या चीनी को पानी में घोल कर दें, जिससे कि रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ सके और मस्तिष्क को प्रभावित होने से बचाया जा सके. इसके बाद तुरंत अस्पताल ले जाएं.
ज्यादातर मामलों में चमकी बुखार के निम्न लक्षण देखे गये हैं
मिर्गी जैसे झटके आना (जिसकी वजह से ही इसका नाम चमकी बुखार पड़ा)
बेहोशी आना
सिर में लगातार हल्का या तेज दर्द
अचानक बुखार आना
पूरे शरीर में दर्द होना
जी मिचलाना और उल्टी होना
बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस होना और नींद आना
दिमाग का ठीक से काम न करना और उल्टी-सीधी बातें करना
पीठ में तेज दर्द और कमजोरी
चलने में परेशानी होना या लकवा जैसे लक्षणों का प्रकट होना
इस बीमारी के पीछे क्या-क्या कारण
बच्चों के शरीर में पानी की कमी
घर में साफ-सफाई की कमी
बच्चों को धूप में निकलना
भूखे पेट रहना और रात में सोना
बासी भोजन व खुले में बिक रहे सामान को खाना
बार-बार स्नान करना और बारिश में नहाना
साफ व सूखा कपड़ा नहीं पहनाना
खाली पेट आम व लीची खाना
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