समागम में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
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जय गुरुदेव का नाम जपने से होता है कल्याण : उमाकांत महाराज
समागम में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब बाबा ने गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने पर दिया जोर बरौली : मंगलवार को घोषित कार्यक्रम के तहत बाबा जय गुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत उमाकांत महाराज ने बरौली पहुंचकर प्रवचन से श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन किया. सत्संग में पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर बाबा का स्वागत किया. […]
बाबा ने गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने पर दिया जोर
बरौली : मंगलवार को घोषित कार्यक्रम के तहत बाबा जय गुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत उमाकांत महाराज ने बरौली पहुंचकर प्रवचन से श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन किया. सत्संग में पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर बाबा का स्वागत किया. बाबा को सुनने के लिए कई प्रदेशों से श्रद्धालु पहुंचे. प्रवचन के दौरान उमाकांत महाराज ने कहा कि आज हर व्यक्ति परेशान है. इसका कारण मांस और शराब है. लोगों को शाकाहारी और नशा मुक्त होना समय की जरूरत है. गौ संरक्षण के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु बनाना है. उन्होंने कहा कि जय गुरुदेव का नाम जप सर्व कल्याणकारी है. इसलिए लोगों को इसका जप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रभु सबकी चिंता रखते हैं. गुरु के बगैर ज्ञान नहीं मिलता है. गुरु ही सदमार्ग पर चलने के लिए रास्ता दिखाता है. उन्होंने कहा कि अहंकार के कारण ही घर-घर में लड़ाई हो रही है. मनुष्य को अहंकार का त्याग करना चाहिए.
कई प्रदेशों से पधारे भक्त : बरौली में बाबा जय गुरुदेव को सुनने के लिये सेवादारों और शिष्यों का आना सोमवार को ही शुरू हो गया. मंगलवार तक बंगाल, यूपी, पंजाब, हिमाचल प्रदेशों के अलावे बिहार के कई जिलों से बाबा को सुनने के लिये शिष्य पहुंचे थे. मंगलवार को शाम सात बजे तक भक्त कार्यक्रम समापन तक पंडाल में जमे रहे.
दुल्हन की तरह सजा हाईस्कूल का मैदान
बाबा उमाकांत महाराज के आने वाले काफिले और सत्संग कार्यक्रम को लेकर भव्य पंडाल का निर्माण कराया गया था. मेन गेट से लेकर सत्संग स्थल तक पहुंचने वाले तमाम सड़कों पर स्वागत बनाये गये थे. सेवादारों की सुविधा के लिये समिति की ओर रहने, ठहरने, भोजन, पार्किंग और स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था की गयी थी.
मानवतावादी बनना जरूरी
जय गुरुदेव धर्म प्रचारक ने कहा कि खाली हाथ आये थे और खाली हाथ ही जाना है. इच्छा और तृष्णा कभी समाप्त नहीं होती. मनुष्य रूप प्रभु को पाने के लिए दिया गया है. अभी समय है, भजन कर अपना काम बना लो. परमात्मा की भक्ति, पूजा, भजन के लिए शाकाहारी और मानवतावादी बनना बहुत जरूरी है. सबसे पहले इंसान बनो, चरित्रवान बनो, मानव धर्म का पालन करो. सबसे प्रेम करो, जरूरतमंदों की नि:स्वार्थ भाव से सेवा करो. जीवन का सबसे जटिल प्रश्न है कि हम कहां से आये. किस गांव के लिए आये, इसी प्रश्न को हल कर लिया, तो जीवन सार्थक हो जायेगा.
थाना चौक पर रहा मेला सा नजारा : बाबा जय गुरुदेव के कार्यक्रम को लेकर थाना चौक और आस-पास भीड़ से मेला का नजारा रहा. चौक से लेकर बस स्टैंड तक जहां भीड़ रही, वहीं दुकानदारों ने दुकानें भी सजायी थी. मंगलवार की अहले सुबह से शुरू हुई लोगों की भीड़ देर शाम तक बनी रही. इस दौरान स्थानीय पुलिस जहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सजग रही, वहीं सेवादार भी लगे रहे.
संत जाति- समुदाय का नहीं होता
संत, महात्मा या फकीर, कोई कौम बनाने या मजहब चलाने नहीं आते. उनका काम जाति-पांत, धर्म की सीमा से परे होता है. वे सबके होते हैं, सबकी भलाई करते हैं. यह वक्त धर्म-मजहब, जाति-पांत के नाम पर लड़ने-झगड़ने का नहीं. उन्होंने कहा चरित्र मानव धर्म की सबसे बड़ी पूंजी है. चरित्र के अभाव में मनुष्य की कोई कीमत नहीं. मौके पर हजारों से अधिक की भीड़ उपस्थित रही.
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