गया. मुजफ्फरपुर में डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी की ओर से करीब 250 लड़कियों के साथ यौन शोषण के मामले की न्यायिक जांच, घटना में संलिप्त दोषियों को तत्काल सजा व पीड़ितों को सरकारी नौकरी की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों के नेताओं ने शहर में विरोध मार्च निकाला. महिला संगठन एपवा, छात्र संगठन आइसा व युवा संगठन आरवाइए के राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस के तहत आंबेडकर पार्क से दिग्घी तालाब पार्क तक मार्च निकाला गया. मार्च का नेतृत्व रीता वर्णवाल, तारिक अनवर व मो शेरजहां कर रहे थे. ऐपवा जिला सचिव रीता वर्णवाल ने इस जघन्य अपराध पर बिहार सरकार की अब तक की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह ‘डबल इंजन’ सरकार की नाकामी का चरम उदाहरण है. महिला सशक्तीकरण व महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाले भाजपा-जदयू शासन में मुजफ्फरपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराध की यह दूसरी बड़ी घटना सामने आयी है. इंकलाबी नौजवान सभा राज्य उपाध्यक्ष तारिक अनवर ने कहा कि एनडीए सरकार ने शेल्टर होम कांड के बाद भी कोई सबक नहीं लिया, महिलाओं के खिलाफ यौन, हिंसा व अपराध इस सरकार की चारित्रिक विशिष्टता बन गयी है. इस कार्यक्रम में एपवा जिलाध्यक्ष शीला वर्मा, पारो देवी, पिंकी कुमारी, तेतरी देवी, हेमंती देवी, लक्ष्मी देवी, पूजा देवी, बरती चौधरी, सोना देवी, सुनीता देवी व अन्य शामिल रहे.
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