फोटो- गया बोधगया- 2505-
वरीय संवाददाता, गयासीयूएसबी के स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (एसएलजी) के इंटर्नशिप व प्लेसमेंट सेल द्वारा लॉ ग्रेजुएट्स के प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यान शृंखला का शुभारंभ विशेष व्याख्यान के साथ हुआ. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न लॉ फर्मों के पेशेवरों और अधिवक्ताओं द्वारा विद्यार्थियों को विधि से जुड़े विभिन्न पहलुओं से रूबरू करवाया जायेगा. ऑनलाइन मोड में आयोजित सत्र की शुरुआत विभागाध्यक्ष और डीन प्रो अशोक कुमार के औपचारिक स्वागत भाषण से हुई. इन्होंने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों की पेशेवर यात्रा को उचित आकार देने के लिए इस तरह की पहल काफी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि व्याख्यान शृंखला छात्रों को अंतरराष्ट्रीय कानूनी विकास के बारे में सूचित रहने में मदद करेगा, जिससे उनका वैश्विक दृष्टिकोण व्यापक होगा.भारत के सर्वोच्च न्यायालय से संबंधित ऐतिहासिक बातों से हुए अवगत
कार्यशाला के प्रथम दिन मुख्य भाषण एडवोकेट नेहा जैन, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ (लंदन, यूके), समत्व लीगल की संस्थापक भागीदार द्वारा दिया गया. उन्होंने एडीआर और कानूनी अभ्यास का दायरा: भारत और विदेश” शीर्षक पर अपने व्याख्यान में छात्रों को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों संदर्भों में वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) की उभरती प्रासंगिकता का विस्तृत अवलोकन प्रदान किया. दूसरा व्याख्यान सुजाता चौधरी आईपी अटॉर्नीज के अभ्यासरत वकील एडवोकेट किशन कुमार द्वारा दिया गया. उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों संदर्भों में बौद्धिक संपदा (आईपी) कानून के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला. टर्नशिप और प्लेसमेंट सेल के संकाय समन्वयक डॉ अनुराग अग्रवाल ने सभी अतिथि वक्ताओं को उनके समृद्ध सत्र के लिए आभार प्रकट करते हुए सभी प्रतिभागियों और आयोजन टीम को धन्यवाद दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है