Bodh Gaya Marathon: रविवार को आयोजित दूसरे बोधगया मैराथन में भारत सहित विभिन्न देशों के धावकों ने जोश और उत्साह के साथ हिस्सा लिया. मंगोलिया के राजदूत गनबोल्ड दंबजाव ने न सिर्फ मैराथन को झंडी दिखाकर रवाना किया, बल्कि खुद भी इसमें दौड़े. इस आयोजन में ओटीए गया के 300 कैडेटों, अंतरराष्ट्रीय एथलीटों और पेशेवर धावकों सहित करीब ढाई हजार लोगों ने भाग लिया.
मंगोलियाई राजदूत ने बढ़ाया उत्साह
मैराथन की शुरुआत कालचक्र मैदान से हुई, जहां राष्ट्रगान के बाद अतिथियों ने हरी झंडी दिखाकर दौड़ को रवाना किया. इस मौके पर 13वें कुंडलिंग रिनपोछे, लेफ्टिनेंट जनरल सुकृति सिंह दहिया, ओटीए गया के कमांडेंट और इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फेडरेशन (IBC) के डायरेक्टर जनरल अभिजित हलधर भी मौजूद थे. मंगोलियाई राजदूत गनबोल्ड दंबजाव ने कहा कि भारत और मंगोलिया के 70 वर्षों के राजनयिक संबंधों को मजबूत करने में बौद्ध धर्म अहम भूमिका निभा रहा है.
लेफ्टिनेंट जनरल और उनकी पत्नी ने भी लगाई दौड़
लेफ्टिनेंट जनरल सुकृति सिंह दहिया ने अपनी पत्नी के साथ 10 किलोमीटर की दौड़ पूरी की. उन्होंने कहा कि यह मैराथन न सिर्फ खेल को बढ़ावा देने का मंच है, बल्कि भारत और बौद्ध धर्म से जुड़े देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी मजबूत करता है.
कालचक्र मैदान से ढूंगेश्वरी पहाड़ी तक हुआ आयोजन
मैराथन का आयोजन कालचक्र मैदान से ढूंगेश्वरी पहाड़ी और उसके आगे तक किया गया. अहले सुबह 4:30 बजे से शुरू हुई इस प्रतियोगिता में धावकों ने अपनी तय दूरी पूरी कर कालचक्र मैदान पहुंचकर दौड़ समाप्त की. इसमें दक्षिण कोरिया के पुरस्कार विजेता मैराथन धावकों ने भी भाग लिया.
इथोपिया और कीनिया के धावकों ने मारी बाजी
प्रतियोगिता के 42 किमी प्रारूप में इथोपिया की महिला धावक और कीनिया के पुरुष धावक विजेता बने. विजेताओं को नकद पुरस्कार दिया गया, जबकि 42 किमी श्रेणी के विजेताओं को दक्षिण कोरिया की मुफ्त यात्रा का इनाम मिला. भारत के एक धावक को भी दक्षिण कोरिया का रिटर्न टिकट प्रदान किया गया.
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ब्रांड एंबेसडर बनीं एशियाई चैंपियन डॉ. सुनीता गोधारा
इस आयोजन की ब्रांड एंबेसडर 1992 की एशियाई चैंपियन डॉ. सुनीता गोधारा थीं, जिन्होंने इसे ऐतिहासिक और सफल आयोजन बताया. IBC के डायरेक्टर जनरल अभिजित हलधर ने कहा कि यह आयोजन ऐतिहासिक रहा और इसे पूरा समर्थन मिला.