टिकारी : एसएसपी के निर्देश पर गुरुवार की रात अपराधियों व वारंटियों की गिरफ्तारी को लेकर चलाये गये विशेष अभियान में अलीपुर थाने की पुलिस ने भैरवा गांव में छापेमारी की. पुलिस टीम ने वारंटी संजय पासवान व रामानुज शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर उनके ठिकानों पर खोजबीन की. संजय पासवान पकड़ा गया.
लेकिन, रामानुज शर्मा की पकड़ में नहीं आ सका. संजय पासवान को गिरफ्तार कर पुलिस थाने ले आयी. लेकिन, पुलिस की छापेमारी से क्षुब्ध रामानुज शर्मा के बेटे संतोष शर्मा व पंकज शर्मा सहित उनके साथी अलीपुर थाने पहुंचे और थाने में बंद संजय पासवान को रिहा करने की बात थानाध्यक्ष संतोष कुमार व सहायक अवर निरीक्षक अशोक शर्मा से की. थानाध्यक्ष ने युवकों को बताया कि संजय पासवान व रामानुज शर्मा के विरुद्ध कोर्ट से वारंट इश्यू किया गया है. नियमों के तहत कार्रवाई की गयी है. इसे थाने से रिहा करना संभव ही नहीं है. जवाब सुन पंकज शर्मा, संतोष शर्मा व उनके साथी दारोगा सहित वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों से बहस करने लगे.
क्या कहते हैं अलीपुर थानाध्यक्ष
अलीपुर थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने प्रभात खबर को बताया कि थाने में घुस कर पंकज शर्मा, संतोष शर्मा व उनके साथी छापेमारी प्रक्रिया पर सवाल उठाने लगे. पंकज का कहना था कि रात में पुलिस उनके गांव में छापेमारी कर दहशत का माहौल कायम करना चाहती है. भैरवा गांव में कभी भी पुलिस रात में छापेमारी नहीं करती है. बाद में पंकज ने अपना मोबाइल फोन निकाला और अपने किसी साथी को फोन कर पुलिस के क्रियाकलाप के विरुद्ध में बोलने लगा और दुर्व्यवहार करते हुए थाने से जबरन संजय पासवान को रिहा करने की कोशिश की. थानाध्यक्ष ने बताया कि स्थिति बिगड़ता देख पंकज को पुलिसकर्मियों ने पकड़ा. इसी बीच संतोष शर्मा व उनके साथी थाने से खिसक गये. इस घटना को लेकर सहायक अवर निरीक्षक अशोक शर्मा के बयान पर पंकज शर्मा व संतोष शर्मा सहित उनके अन्य साथियों के विरुद्ध धारा 353 व 120 (बी) के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी है. पंकज शर्मा को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे सेंट्रल जेल भेज दिया गया. साथ ही वारंटी संजय पासवान भी जेल भेजा गया.