सीयूएसबी की रजिस्ट्रार डॉ गायत्री विश्वनाथ पाटिल पटना से गया पहुंचीं व अनशन पर बैठे विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से तीन राउंड में बातचीत की. वार्ता का दौरा दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुआ और शाम तक चला. इस दौरान मगध मेडिकल इंस्पेक्टर लाल बिहारी पासवान, बीडीओ संजीव कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने भी विद्यार्थियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन उनकी कानों पर जूं तक नहीं रेंगा. विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रार के सामने चार बिंदुओं पर बातचीत की.
पहली मांग में कहा गया कि वह पत्र दिखाया जाये, जिसे यह स्पष्ट हो कि बीएड की मान्यता लेने से संबंधित कार्रवाई की जा रही हो. दूसरी मांग है कि सीयूएसबी कैंपस में की जा रही भूख हड़ताल की सूचना मानव संसाधन विभाग को भेजी गयी है या नहीं? अगर भेजी गयी है, तो उसकी एक कॉपी उपलब्ध करायी जाये. तीसरी मांग है कि कुलपति डॉ हरीष चंद्र राठौर ने अपने स्तर से अबतक क्या कार्रवाई की हैं? इन तीनों मांगों पर रजिस्ट्रार ने बारी-बारी से विद्यार्थियों को पूरी जानकारी दी और बताया कि 31 जुलाई तक हर हाल में बीएड की मान्यता सीयूएसबी को मिल जायेगी. इस जवाब पर विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रार से सवाल किया कि अगर 31 जुलाई तक बीएड की मान्यता नहीं मिली, तो इसके आगे की कार्रवाई को लेकर सीयूएसबी ने क्या एक्शन प्लान बनाया है. रजिस्ट्रार ने उन्हें जवाब दिया कि 31 जुलाई तक मान्यता मिल जायेगी, फिर एक्शन प्लान की आवश्यकता कहां आयेगी, लेकिन विद्यार्थी एक्शन प्लान को लेकर अड़ गये और तीन राउंड में हुई वार्ता विफल हो गयी.