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मोटरसाइकिल चोर गिरोह का हुआ खुलासा, छह आरोपित गिरफ्तार
मानपुर : मुफस्सिल थाने की पुलिस ने बाइक चोर गिरोह का भांडाफोड़ किया है. मानपुर व आसपास के मुहल्ले व शहरों से चोरी गयी बाइक का शराब के धंधे में बेतहाशा प्रयोग हो रहा है. मुफस्सिल पुलिस ने एक बड़ा नेटवर्क को पकड़ा. इसमें चोरी की तीन बाइक बरामद हुई. साथ में चोरी की बाइक […]
मानपुर : मुफस्सिल थाने की पुलिस ने बाइक चोर गिरोह का भांडाफोड़ किया है. मानपुर व आसपास के मुहल्ले व शहरों से चोरी गयी बाइक का शराब के धंधे में बेतहाशा प्रयोग हो रहा है. मुफस्सिल पुलिस ने एक बड़ा नेटवर्क को पकड़ा. इसमें चोरी की तीन बाइक बरामद हुई. साथ में चोरी की बाइक को बेचने व खरीदने व शराब धंधे में प्रयोग करनेवालों को भी पुलिस ने छापेमारी कर गिरफ्तार किया है.
इस संबंध में शुक्रवार को वजीरगंज डीएसपी अभिजीत कुमार सिंह ने पत्रकारों को प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि बाइक चोरी के मास्टरमाइंड गया कॉलेज के छात्र निरंजन कुमार व कमलेश कुमार हैं. दोनों बाइक की चोरी करते थे व बाइक को 10 से 20 हजार रुपये में शराब धंधेबाज के पास बेच देते थे. पुलिस ने दोनों को भेदजा गांव स्थित सहजानंद सरस्वती कॉलोनी से गिरफ्तार किया.
इसके बाद पकड़े गये आरोपितों की निशानदेही पर तीन बाइकें बरामद की गयीं. इसमें मोहनपुर, फतेहपुर के सुदूर इलाका में प्रयोग किया जाता था. बाइक चोरों की पहचान टनकुप्पा थाना क्षेत्र के करिहारा निवासी निरंजन कुमार, फतेहपुर थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव निवासी कमलेश कुमार, मोहनपुर थाना क्षेत्र के पीपरा गांव निवासी सत्येंद्र कुमार व मोहनपुर बाराखाल निवासी कैलाश कुमार व उपेंद्र कुमार, मोहनपुर के गुगड़ी गांव निवासी छोटू कुमार के रूप में पहचान की गयी. छह बाइक चोरों के खिलाफ मुफस्सिल थाना में एफआइआर दर्ज कर जेल भेज दिया गया.
दो बाइकें मानपुर व एक फतेहपुर से हुई थी चोरी : डीएसपी ने बताया कि दो बाइक मानपुर से कुछ दिनों पूर्व चोरी हुई थी जिसकी प्राथमिकी मुफस्सिल थाने में दर्ज हुई है. वहीं एक बाइक चार दिनों पहले फतेहपुर से चोरी हुई थी. तीनों बाइकों के अलावा अन्य चोरी गयी बाइकों के बारे में कुछ इंपूट इन चोंरों के पास से मिली है.
डीएसपी ने बताया कि सभी बाइक चोर कुछ पैसे व गलत संगत के कारण मुख्यधारा से भटक गये हैं. ऐसे अबतक दर्जनों मामले सामने आये हैं. छात्र पैसे व बाजार के चकाचौंध में गलत काम करने पर उतारू हो गये हैं. मां-बाप को लड़के शहर में पढ़ने के नाम पर ठगते हैं. बच्चों के चाल-चलन व उसके रहन-सहन पर भी परिजनों को ध्यान देना चाहिए. परिवार वाले चाहते हैं कि शहर में मेरा बेटा पढ़ाई कर कुछ अच्छा काम करेगा. मेरा व मेरे गांव का नाम रोशन होगा. पर आज के बच्चे समाज के अंदर संकट बनते जा रहे हैं.
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