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गया : कैथी गांव से भारी मात्रा में झारखंड का लेबल लगा विस्फोटक बरामद, पुल-पुलिया और गाड़ी उड़ाने में माओवादी करते हैं इस्तेमाल

गया : बिहार के उग्रवाद प्रभावित गया जिले के आती थाना क्षेत्र के कैथी गांव में पुलिस ने भारी मात्रा में शुक्रवार की सुबह विस्फोटक बरामद किया गया है. विस्फोटक की बरामदगी सूचना डॉग स्क्वॉयड और बम निरोधक दस्ता को भी देकर बुलाया गया है. जिलेटिक को देख कर प्रतीत होता है कि करीब पांच-छह […]

गया : बिहार के उग्रवाद प्रभावित गया जिले के आती थाना क्षेत्र के कैथी गांव में पुलिस ने भारी मात्रा में शुक्रवार की सुबह विस्फोटक बरामद किया गया है. विस्फोटक की बरामदगी सूचना डॉग स्क्वॉयड और बम निरोधक दस्ता को भी देकर बुलाया गया है. जिलेटिक को देख कर प्रतीत होता है कि करीब पांच-छह माह पूर्व ही इसे जमीन में दबा कर रखा गया है. बताया जाता है कि जिलेटिन पर झारखंड का लेबल लगा हुआ है.

जानकारी के मुताबिक, जिले के कोंच प्रखंड के आंती थाना क्षेत्र स्थित कैथी गांव के दक्षिण आहर में मवेशी चरा रहे बच्चों-युवकों ने गुरुवार को जमीन में दबा कर रखी बोरे में बंद सामग्री देखी. इसके बाद उन्होंने ग्रामीणों को सूचना दी. ग्रामीणों द्वारा थाने को सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष मनोज कुमार कैथी गांव पहुंच कर जमीन में दबे बोरे के आसपास के क्षेत्र को कब्जे में ले लिया और किसी व्यक्ति के वहां जाने पर पाबंदी लगाते हुए पुलिस बल को तैनात कर दिया. साथ ही बम निरोधक दस्ते को सूचित किया. सूचना मिलने पर शुक्रवार को जिला मुख्यालय से आयी एसएसबी की बीडीएस टीम और एसएसबी 29 बटालियन की सी कंपनी ने आती थाना क्षेत्र के कैथी गांव की आहार में जमीन के नीचे दबा कर रखे गये विस्फोटक को बाहर निकाला. इसमें करीब 100 जिलेटिन ट्यूब और आठ डेटोनेटर को पुलिस ने बरामद कियाहै.

बताया जाता है किकिसी बड़े घटनाक्रम को अंजाम देने के उद्देश्य से माओवादियों द्वारा कैथी गांव के आहार में केन में बंद कर बोरे के सहारे जमीन में विस्फोटक रखा गया था. एसएसबी बीडीएस की 14 सदस्यीय टीम शुक्रवार को कैथी गांव पहुंची. पहले डॉग स्क्वॉयर्ड और बम निरोधक दस्ते ने संदिग्ध स्थान की रेकी कर विस्फोटक होने की पुष्टि की. इसके बाद थानाध्यक्ष मनोज कुमार से विस्फोटक को बाहर निकालने के लिए हल्की विस्फोट करने की सलाह दी. थानाध्यक्ष द्वारा सहमति दिये जाने के बाद बम निरोधक दस्ते ने विस्फोटक में हल्का विस्फोट कर केन में बंद लगभग 100 जिलेटिन ट्यूब और आठ डेटोनेटर को बाहर निकाला.

पूरी प्रक्रिया के दौरान एसएसबी 29 बटालियन सी कंपनी ने इलाके को बाहरी लोगों के लिए सील कर रखा था, ताकि किसी प्रकार का नुकसान न हो. इस संबंध में बम निरोधक दस्ते के हेड कांस्टेबल (जीडी) शिव प्रसाद ने बताया कि निकाले गये जिलेटिन पर झारखंड का होने का लेबल लगा हुआ है. इसका इस्तेमाल पहाड़ तोड़ने में किया जाता है. वहीं, माओवादी इसका इस्तेमाल पुल-पुलिया और गाड़ी उड़ाने के लिए भी करते हैं. इसे देखने से ऐसा लगता है कि करीब पांच से छह माह पूर्व ही जमीन के नीचे दबा कर इसे रखा गया था, ताकि जरूरत पड़ने पर इसे निकाल कर इसका इस्तेमाल किया जा सके.

वहीं, थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि पहले भी करीब दो वर्ष पूर्व यहां से दो किलोमीटर दूर विश्वनाथपुर गांव के एक सुनसान बड़े घर से तीन सिलेंडर बम बरामद हुआ था, जो माओवादियों द्वारा छिपा कर रखा गया था. यहां भी माओवादियों द्वारा इसे सुरक्षित रखे जाने की संभावना है. पुलिस मामले की पूरी छानबीन कर रही है.

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