पछिया गर्म हवा में झुलस रहे नौनिहाल
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गरमी. छोटे बच्चों का हाल बेहाल, 11 से एक बजेे तक लू के थपेड़े में पहुंच रहे घर
पछिया गर्म हवा में झुलस रहे नौनिहाल भीषण गरमी में तेज पछिया हवा नन्हंे-मुन्ने स्कूली बच्चों को झूलसा रहे हैं. स्कूलों के छुट्टी के वक्त गरम हवा के थपेड़े उनके चेहरे एवं शरीर को मुम्हलाने को मजबूर कर रहे हैं. 11 से 1 बजे का वक्त ऐसा है कि जिसमें आम लोग भी आजकल घर […]
भीषण गरमी में तेज पछिया हवा नन्हंे-मुन्ने स्कूली बच्चों को झूलसा रहे हैं. स्कूलों के छुट्टी के वक्त गरम हवा के थपेड़े उनके चेहरे एवं शरीर को मुम्हलाने को मजबूर कर रहे हैं. 11 से 1 बजे का वक्त ऐसा है कि जिसमें आम लोग भी आजकल घर अथवा दफ्तर से बाहर अनावश्यक निकलने से परहेज कर रहे हैं, वहीं ठीक इसी वक्त अधिकांश निजी एवं सरकारी स्कूलों की छुट्टी गर्म हवा के थपेड़े झेलने की मजबूरी है.
दरभंगा : उफ ये गरमी, गर्म हवा रूक जो, ओ माई गॉड आदि ऐसे अल्फाज आजकल बच्चों के मुंह से भीषण गरमी की वजह से छुट्टी के वक्त निकल रहे हैं. इसमें भी कम उम्र के नन्हें-मुन्ने स्कूली बच्चों की स्थिति बदतर देखी जा रही है.
उनका कोमल शरीर को झूलसा देने वाली तेज पछिया हवा उन्हें कुम्हलाने पर मजबूर कर रहे हैं. किसी प्रकार अने हाथ टाई से चेहरे को बचाने का असफल प्रयास आजकल भरी दोपहरी में सड़कों पर आसानी से देखे जा सकते हैं. साइकिल, रिक्सा, बाइक, चारपहिया वाहनों से पसीने से लथपथ घर पहुंचते इनके हाल बेहाल रहता है. लू के थपेड़े से बचते इन बच्चों के माता-पिता भी अब अपने
बच्चों को स्कूल भेजने पर विचार करते देखे जा रहे हैं,जबकि स्कूल से निकलते वक्त बच्चों को पानी पीकर चलने की सलाह स्कूल प्रशासन दे रहे हैं. वहीं घर पहुंचने पर उनके माताएं बच्चों को सबसे पहले मौसमी फल एवं तुरंत ड्रस नहीं निकालने की सलाह देने से नहीं चूकते हैं. वहीं दूसरी ओर स्कूल के मध्यांतर अथवा छुट्टी के वक्त बच्चों का झुकाव आइसक्रीम के स्टॉल पर देखा जा रहा है.
चेहरा ढंककर लड़कियां कर रहीं बचाव
गर्म हवा की झोंकों से बचाव के लिए हाइस्कूल स्तर की लड़कियां अपने चेहरे को स्कार्फ, ओढनी से ढककर सड़क पर चलते देखी जा रही है. वहीं स्कूलीं छात्रों को कैप लगाकर निकलते देखा जा रहा है.
पानी पीकर निकलने की दी जा रही सलाह
स्कूल जाते वक्त जितना सुहावना
वातावरण रहता है, उससे ठीक
विपरीत वापस आते वक्त का मौसम रहता है. हवा की गर्मी के कारण कपड़े सूखने में आधा से एक घंटा लगता है ऐसे में इन बच्चों का क्या हाल होता होगा यह सहज अंदाजा लगाया गया सकता है. इस तरह के मौसम को लेकर स्कूल प्रशासन एवं अभिभावक अपने बच्चों को पानी पीकर बाहर निकलने की नसीहत देते देखे जा रहे हैं.
मौसमी फलों के सेवन पर जोर
स्कूली बच्चों को आइसक्रीम आदि से परहेज कराने के लिए माता-पिता मौसमी फलों के सेवन पर आजकल जोर देते देखे जा रहे हैं. जिन बच्चों केा इन फलों को खाने में रूचि नहीं है, उनकी माताएं भी गरमी से बचाव का वास्ता दिलाकर ककड़ी, खीरा, तरबूज, बेल आदि का सेवन बच्चों को करा रहे हैं.
विद्यालय प्रबंधक बच्चों को स्कूल से िनकलने से पहले दे रहे पानी पीने की सलाह
सड़कों पर पसरा सन्नाटा
दोपहर के वक्त आजकल सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है. इक्का-दुक्का लोग ही सड़क पर नजर आते हैं. जो नजर आते हैं, उनके शरीर पूरी तरह कपड़ों से ढंका रहता है. हाथ में छाता जरूर रहता है. मुख्य सड़कों को छोड़ दे तो लुप लाइन के सड़कों पर इक्का-दुक्का वाहन ही दिखते हैं.
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