दरभंगा : विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के कादिराबाद व आजमनगर के लोगों ने एक बार फिर दिलेरी का परिचय देते हुए बुधवार को पैसा छीनकर भाग रहे लुटरों को धर दबोचा.
इसी दौरान वहां पहुंचकर विवि थाना की पुलिस के द्वारा इसे गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार अपराधियों के निशानदेही पर तीन अन्य अपराधियों को दबोचने में पुलिस कामयाब रही.
जानकारी के अनुसार आजमनगर निवासी कैलाश शर्मा के पुत्र दुर्गेश कुमार ने सुभाष चौक स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (सिटी ब्रांच) से पैसा निकाला था. बैंक से बाहर आते ही घात लगाये बैठे कटिहार जिले के कोढ़ा निवासी स्व सुवेश यादव का पुत्र रीतेश कुमार उनका पैसा लेकर भागने लगा.
हल्ला करने पर स्थानीय लोगों ने दौड़ लगाते हुए रीतेश को धड़ लिया. बाद में पुलिस के पूछताछ में इसकी निशानदेही पर तीन अन्य अपराधियों को पकड़ा गया.
अंतर्जिला गिरोह के सदस्य हैं गिरफ्तार अपराधी : एएसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि गिरफ्तार किये गये सभी अपराधी अंतर्जिला गिरोह के शातिर सदस्य हैं.
इनमें से रीतेश तो बिहार के कटिहार का है. वहीं अन्य तीन उत्तरप्रदेश के पीलीभीत का रहने वाला है. श्री अमद के अनुसार गिरफ्तार अपराधियों में पीलीभीत जिले के राजीव कॉलोनी का बालक राम का पुत्र दालचंद्रबाल राम तथा इसी जिले के सोनगढ़ी थाना क्षेत्र के मोती राम का पुत्र वीरेंद्र सिंह तथा लक्की यादव के पुत्र कबीर कुमार शामिल है.
सभी का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है.
बुजुर्ग तथा महिलाओं को बनाता था टारगेट : गिरफ्तार अपराधियों में से एक का कहना था कि बैंक से पैसा निकालने वाले बुजुर्ग तथा महिलाओं को वे लोग विशेष रूप से टारगेट बनाते हैं. घटना को अंजाम देने के लिए वे लोग पहले से ही शिकार की टोह में लगे रहते हैं. बैंक से पैसा निकालकर जा रहे लोगों के शरीर पर यह लोग एक पाउडर डाल देते हैं.
जिससे इस व्यक्ति को खुजली होनी लगती है, और ये लोग घटना को अंजाम दे देते हैं.
बरामद सामान : इन सभी के पास से लूटा गया 10 हजार के अतिरिक्त 5 हजार रुपया. साथ ही 3 मोबाइल, एक चाकू, कई घडि़यां आदि बरामद की गयी है.
संगठित गिरोह है कोढ़ा गिरोह
/इजानकारी के अनुसार ये सभी संगठित गिरोह के सदस्य बताये जाते हैं. यह कोढ़ा गिरोह के नाम से जाना जाता है. कई जिलों में यह गिरोह सक्रिय है. पूर्व में भी इस गिरोह के कई सदस्यों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
डॉ जूली की घटना में भी दिखी थी लोगों की दिलेरी : लगभग डेढ़ माह पूर्व डॉ जूली वाले घटना के दिन भी स्थानीय लोगों ने साहस का परिचय दिया था. घटना को अंजाम देने वाले सूरज व गोलू के रिवाल्वर चमकाने पर भी परवाह नहीं करते हुए लोगों ने दोनों को धर दबोचा था.