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बाघों की सुरक्षा खतरे में, संसाधन का अभाव झेल रहा वीटीआर

लाठी के भरोसे वन्य और वन्यजीवों की हो रही सुरक्षा वाल्मीकिनगर : भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित वीटीआर प्रशासन के वन क्षेत्र में वास कर रहे बाघ समेत कई प्रकार के शाकाहारी और मांसाहारी जीव जंतु तथा वन संपदा की सुरक्षा घोर संकट के दौर से गुजर रही हैं. बता दें कि नेपाल और उत्तर […]

लाठी के भरोसे वन्य और वन्यजीवों की हो रही सुरक्षा

वाल्मीकिनगर : भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित वीटीआर प्रशासन के वन क्षेत्र में वास कर रहे बाघ समेत कई प्रकार के शाकाहारी और मांसाहारी जीव जंतु तथा वन संपदा की सुरक्षा घोर संकट के दौर से गुजर रही हैं. बता दें कि नेपाल और उत्तर प्रदेश की खुली सीमा पर लगभग 900 वर्ग मीटर में फैले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये बाघों की सुरक्षा, संरक्षा तथा विकास पर खर्च किये जाते हैं.
ताकि बाघों की संख्या में वृद्धि की जा सके. वहीं प्रतिवर्ष अपने राष्ट्रीय पशु बाघ की सुरक्षा के लिए 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में भी मनाते हैं. उसकी सुरक्षा और विकास के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.
किंतु वीटीआर में वास करने वाले बाघ समेत शाकाहारी और मांसाहारी जीव-जंतुओं समेत वन संपदा की सुरक्षा के लिए धरातल पर कोई ठोस कदम वन प्रसाशन द्वारा नहीं उठाने से उनकी सुरक्षा अब भगवान भरोसे है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक वीटीआर में आवश्यकता के कुल पदों का लगभग 90 प्रतिशत पद दोनों डिवीजन मिलाकर रिक्त है. जिन पर किसी की नियुक्ति नहीं की जा सकी है. जिस कारण विभागीय कार्य समेत वनों और वन्यजीव की सुरक्षा प्रभावित होती है. जबकि वीटीआर प्रशासन ने अनुबंध पर टाइगर टेकर की बहाली कर अपनी जिम्मेवारी की खानापूर्ति पूरी कर ली है.
टीटी और पीटी के हाथ में डंडे पकड़ा कर वीटीआर की सुरक्षा की जिम्मेवारी उनके कंधे पर डाल दी गयी है. वीटीआर में रहने वाले जीव जंतु और वन संपदा की सुरक्षा नेपाली वन अपराधी और स्थानीय अपराधी जो हथियारों से लैस रहते हैं, उनसे डंडे के भरोसे करना हास्यास्पद लगता है. आज टाइगर रिजर्व दिखता है तो ये ऊपर वाले की कृपा से है. कर्मियों की कमी से वनों और वन्यजीव की सुरक्षा कैसे संभव है. इस बिंदु को देखा जाये तो जंगल का जानवर कतई सुरक्षित नहीं है.
क्या कहते हैं क्षेत्र निदेशक : इस बाबत पूछे जाने पर वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक एचके राय ने बताया कि वीटीआर से सटे पड़ोसी देश नेपाल के साथ सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के वन अपराधियों से वन संपदा को सदैव खतरा है. यह हथियारों से लैस रहते हैं. पूर्व में भी इन से मुठभेड़ की खबरें आती रही हैं. वन और वन्यजीव की सुरक्षा बिना सशस्त्र बल के पूरी तरह संभव नहीं है. इसके लिए विभाग पूरी तरह गंभीर है. शीघ्र ही इस समस्या से निजात पा लेगा. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व प्रशासन वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा को अपनी पहली प्राथमिकता मानता है.
वनरक्षी व वनपाल का कई पद रिक्त : विश्वस्त सूत्रों की माने तो बेतिया डिवीजन में वन प्रमंडल एक में वनरक्षी के कुल 80 पदों में मात्र 5 कार्यरत है. जबकि वनपाल के 19 पदों में मात्र 10 क्षेत्रों में ही वनपाल कार्य कर रहे हैं. वहीं आदेशपाल 4 की जगह 2 कार्यरत हैं. जबकि वन प्रमंडल 2 में वनरक्षी के 87 पदों में मात्र 6 वनरक्षी तैनात हैं. जबकि वनपाल के 20 पदों में 7 वनपाल कार्यरत हैं. वन प्रमंडल एक और दो में वन आमीन के रिटायर्ड हो जाने के कारण उसके बाद किसी भी अमीन की बहाली नहीं की गयी है.
जिससे वन प्रशासन के कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं. विश्वस्त सूत्रों की माने तो वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक के यहां भी सहायक वन संरक्षक का पद रिक्त है. कुल मिलाकर माने तो यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि वीटीआर प्रशासन का अस्तित्व अगर कहीं आज दिख रहा है तो यह परमात्मा की कृपा है. अन्यथा संसाधनों की कमी से जूझ रहा है टाइगर रिजर्व का अस्तित्व खतरे में है. टाइगर रिजर्व प्रशासन के पास सशस्त्र बलों की भी नितांत कमी है. जिससे वन अपराधियों का मनोबल बढ़ा रहता है.
वन संपदा को नुकसान पहुंचाने में लगे वन तस्कर : वीटीआर वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकिनगर क्षेत्र की बात करें तो इस क्षेत्र का काफी बड़ा भाग पड़ोसी देश नेपाल और सीमावर्ती उत्तर प्रदेश से लगा हुआ है. गंडक नदी के रास्ते नेपाली तस्करों का समूह सदैव वन क्षेत्र में कभी वृक्षों को तो कभी बेंतों को अपना निशाना बनाते हुए क्षति पहुंचाने की फिराक में रहता हैं.
वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के वन अधिकारियों द्वारा बार बार वन क्षेत्र में वनसंपदा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले वन तस्करों पर की गयी कार्रवाई यह स्पष्ट दर्शाती है कि संसाधनों के अभाव में वन क्षेत्र और वन्यजीवों की सुरक्षा खतरे में है. बता दें कि वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र में वनरक्षी के कुल नौ पदों में एक भी वनरक्षी तैनात नहीं है. जबकि वनपाल के तीन पदों में एक पद अभी रिक्त है.

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