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बेतिया : हजारीमल धर्मशाला को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करें
ट्रस्ट की ओर से हजारीमल धर्मशाला परिसर में दिया गया धरना बेतिया : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़े स्मृति स्थल नगर की हजारीमल धर्मशाला को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग को लेकर भितिहरवा आश्रम जीवन कौशल ट्रस्ट की ओर से मंगलवार को एकदिवसीय धरना का आयोजन किया गया. हजारीमल धर्मशाला परिसर में आयोजित धरना […]
ट्रस्ट की ओर से हजारीमल धर्मशाला परिसर में दिया गया धरना
बेतिया : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़े स्मृति स्थल नगर की हजारीमल धर्मशाला को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग को लेकर भितिहरवा आश्रम जीवन कौशल ट्रस्ट की ओर से मंगलवार को एकदिवसीय धरना का आयोजन किया गया.
हजारीमल धर्मशाला परिसर में आयोजित धरना की अध्यक्षता करते हुए ट्रस्ट के अध्यक्ष शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह धर्मशाला बापू के संघर्ष की निशानी है. इसे राष्ट्रीय स्मारक होने का पूरा हक है. 22 अप्रैल, 1917 से चंपारण के किसानों ने यहां जुट कर निलहे गोरों के खिलाफ अपनी जुबान ना खोली होती, तो संघर्ष और लंबा चलता. ऐसा हो सकता था कि भारत की आजादी की लड़ाई में चंपारण की भूमिका वह न होती जो आज है.
ट्रस्ट के सचिव डॉ ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी ने कहा कि इस धर्मशाला परिसर में बैठकर लिखे गये बयानों का भी असर था कि साल बीतते-बीतते तीनकठिया से यहां के किसानों को मुक्ति मिली और गांधी जी को सफलता की राह दिखाई दी. हमें याद रखना चाहिए कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में यह महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में पहली जीत थी.
ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष राकेश राव ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम चंपारण की माटी की उपज हैं जिसके हिस्से महात्मा बुद्ध से लेकर महात्मा गांधी के विश्वव्यापी अवदानों की कथा दर्ज है. हमारा नैतिक दायित्व बनता है कि हम अपने इतिहास और ऐतिहासिक धरोहरों को अपनी नयी पीढ़ी तक पहुंचाएं.
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