मोतिहारी : जिला पुलिस बल में तैनात सिपाही किशोर कुणाल सिंह ने नौकरी का झांसा देकर कई युवकों से लाखों रुपये ठग लिया. सात लाख की ठगी का शिकार कुमूद रंजन ने सिपाही के खिलाफ छतौनी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. कुमूद कोटवा थाने के भोपतपुर चौबे टोला का रहने वाला है. बताया कि एसपी कार्यालय में आचरण बनवाने गया था. इस दौरान सिपाही किशोर कुणाल सिंह से उसकी मुलाकात हुई.
सिपाही ने नौकरी दिलवाने का झांसा देकर सात लाख रुपये लिया, इसके बाद ट्रेनिंग के लिए मुंबई भेजा. फिर मुंबई से बुला बंगाल के गोविंदापुर भेज कर फायर प्रिर्वेशन एवं फायर फाइटिंग की ट्रेनिंग करवायी. ट्रेनिंग समाप्त होने पर सिपाही ने अपने ई-मेल से इनडोस सटिर्फिकेट भी भेजा. ट्रेनिंग के बाद उसने मोतिहारी पुलिस कार्यालय के पत्रांक आर-55/17, दिनांक 10-7-17 से एक लेटर पुलिस वेरिफिकेशन के लिए कोटवा थाने में भिजवाया. कोटवा के थानाध्यक्ष सूर्य ज्योतिक कुमार पांडेय द्वारा लेटर का सत्यापन कराया गया.
सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ज्वाइनिंग लेटर देने का समय आया, तो टालमटोल करने लगा. काफी दिनों तक दौड़ाता रहा. इसके बाद कुमूद ने सिपाही से कहा कि नौकरी नहीं लग रही है, तो पैसा वापस कीजिए. इस पर सिपाही ने 21 जुलाई, 2018 को पांच सौ के नन ज्यूडिशियल स्टांप पर हस्ताक्षर कर गवाहों के सामने कहा कि वह सात लाख रुपये नौ महीने की किस्त में लौटा देगा. लेकिन, उसने एक किस्त भी नहीं दी.
काफी दबाव देने पर उसने इलाहाबाद बैंक का सात लाख का चेक दिया. उस चेक को कुमूद ने अपने बैंक ऑफ इंडिया शाखा, बरियारपुर में डाला, तो राशि के अभाव में चेक बाउंस कर गया. नोटिस भेजने पर भी कोई जवाब नहीं दिया. सिपाही पर सरकारी पद का दुरुपयोग कर फर्जी पुलिस सत्यापन कराने एवं धोखाधड़ी कर सात लाख रुपये हड़पने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. छतौनी इंस्पेक्टर मुकेशचंद्र कुमर ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है.