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श्रावण में रुद्राभिषेक करने से मिलता है फल

केसरिया : धर्म शास्त्रों के अनुसार द्रावयतिनाशतीत रुद्र अर्थात भगवान शिव सभी दुखों को नष्ट कर देते हैं. ऐसी मान्यता है कि हमारे द्वारा किये गये पाप ही हमारे दुखों का कारण है. रुद्राचन एवं रुद्राभिषेक से हमारे समस्त पाप कर्म जल कर भस्म हो जाता है और साधक में शिवत्व का उदय होता है […]

केसरिया : धर्म शास्त्रों के अनुसार द्रावयतिनाशतीत रुद्र अर्थात भगवान शिव सभी दुखों को नष्ट कर देते हैं. ऐसी मान्यता है कि हमारे द्वारा किये गये पाप ही हमारे दुखों का कारण है. रुद्राचन एवं रुद्राभिषेक से हमारे समस्त पाप कर्म जल कर भस्म हो जाता है और साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है एवं भक्तों के मनवांछित फल प्राप्त होता हैं. सनातन धर्म में शिवलिंग को शिव का साक्षात स्वरूप माना जाता है.

तभी तो शिवलिंग के दर्शन मात्र से स्वयं महादेव का दर्शन माना जाता है. ये बाते संस्कृत भाषा के ज्ञाता अाचार्य आदित्य नाथ पांडेय ने केसरिया स्थित केशर नाथ मंदिर में विशेष भेंटवार्ता में कहीं. उन्होंने ने बताया की एक मात्र शिवरुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वरूप हो जाती है. भगवान शंकर के बारे में कहा जाता है सर्व गुरु है. श्रावण मास में रुद्राभिषेक करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में यह श्रावण मास खास है क्योंकि इस श्रावण में पांच सोमवार हैं.

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