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दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों ने कहा थैंक्यू बिहार, ज्ञान की भूमि पर शिक्षक बनने को बताया अपना सौभाग्य

पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में गुरुवार को समारोह आयोजित कर नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया. शिक्षक बनने की आस लगाये अभ्यर्थियों की गुरुवार को मुराद पूरी हो गयी. प्राथमिक शिक्षकों की बहाली में इस बार पूर्णिया में भी कुछ अन्य राज्यों से आये शिक्षक- शिक्षिकाओं ने अपना योगदान दिया है.

पूर्णिया. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षक चयन प्रतियोगिता परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों के काउंसेलिंग और ओरिएंटेशन कार्य की समाप्ति के बाद गुरुवार को पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में गुरुवार को समारोह आयोजित कर नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया. शिक्षक बनने की आस लगाये अभ्यर्थियों की गुरुवार को मुराद पूरी हो गयी. इन अभ्यर्थियों को औपबंधिक नियुक्ति पत्र सौं दिया गया. नियुक्ति पत्र मिलते ही सभी के चेहरे खिल गये. प्राथमिक शिक्षकों की बहाली में इस बार पूर्णिया में भी कुछ अन्य राज्यों से आये शिक्षक- शिक्षिकाओं ने अपना योगदान दिया है.

यहां के सभी लोग मददगार और बेहद अच्छे इंसान

उत्तरप्रदेश के गोंडा जिले से आयीं नेहा दूबे कहती हैं तैयारी तो मैं यूपी टीचर के लिए ही कर रही थी, लेकिन वहां वेकेंसी नहीं आयी. इस बीच, बिहार में शिक्षकों की वेकेंसी आ गयी तो मैंने आवेदन कर दिया और कांसेलिंग से लेकर प्रशिक्षण और नियुक्तिपत्र लेने के लिए यहीं रह रही हूं. यहां पहली बार आयी हूं. किसी से कोई संपर्क नहीं था, लेकिन यहां के सभी लोग मददगार और बेहद अच्छे इंसान हैं. घर से दूर आयी हूं तो मम्मी-पापा थोड़े परेशान तो जरुर हैं, लेकिन खुश भी हैं और उन्हें मुझ पर पूरा भरोसा है.

झारखंड के बदले बिहार में दी परीक्षा

झारखंड, बोकारो से आयीं संध्या कुमारी कहती हैं कि मैं अपने पति के साथ आयी हूं. मैं पूर्व में ही पटना से डीएलएड की हुई हूं. पहले से ही कम्पीटीशन की तैयारी कर रही थी. झारखंड में वेकेंसी नहीं आयी थी, लेकिन जैसे ही बिहार में शिक्षकों की वेकेंसी आयी मैंने अप्लाई कर दिया और परीक्षा में पास कर आज शिक्षक नियुक्ति पत्र लेने आयी हूं. मैंने तीन जगह का नाम दिया था लेकिन सिर्फ पूर्णिया जिले के लिए मेरा नाम आया. घरवालों का बेहद सहयोग मिला है उसी के बल पर मैं झारखंड से चलकर बिहार के पूर्णिया तक योगदान देने आयी हूं.

शिक्षक के रूप में नियुक्त होना मेरे लिए सौभाग्य

यूपी से आये एक और अभ्यर्थी सुनील सिंह ने कहा कि बिहार के बारे में पहले से मन में एक अलग ही धारणा थी, लेकिन जब से नौकरी के सिलसिले में यहां ठहरा हूं तबसे यहां के बारे में नजरिया ही बदल गया है. थैंक्यू, बिहार जिसने आने का मौका दिया. सिंह ने कहा कि बिहार की धरती ज्ञान की धरती है, यहां एक शिक्षक के रूप में नियुक्त होना मेरे लिए सौभाग्य का विषय है.

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नियुक्ति पत्र मिलते ही खिल गये अभ्यर्थियों के चेहरे

पूर्णिया के दिनेश मंडल ने कहा कि नौकरी की उम्मीद धूमिल हो गयी थी, लेकिन आज शिक्षक बनकर जो खुशी मिली है उसे मैं भूला नहीं पाउंगा. सुपौल से आये मनोज कुमार ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह पहल सराहनीय है. 2015 के बाद से अभी तक नौकरी नहीं लगने से हम सभी बेरोजगार थे, लेकिन आज हमें रोजगार मिला है. पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करूंगा.

मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद

सुपौल की कनकलता कुमारी ने कहा कि नौकरी की उम्मीद छूट चुकी थी, लेकिन सरकार की ओर से आज शिक्षक पद पर नियुक्त होने के बाद यह लग रहा है कि एक नया जीवन मिल गया है. शोभा देवी ने कहा कि वह नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही थी, लेकिन आज सूबे के मुख्यमंत्री की पहल पर हम शिक्षक हुए हैं, यह सरकार का सराहनीय पहल है.

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