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Buxar News: नहरों में पानी नहीं, खेतों में उम्मीदें सूखी

रोहिणी नक्षत्र का 11 दिन का समय बीत चुका है फिर भी नहरों में पानी नहीं आया. इस हालत में सिकरौल-डुमरांव व कोरानसराय-डुमरांव रजवाहा से जुड़ें किसानों को खेती की चिंता सता रही है.

डुमरांव. रोहिणी नक्षत्र का 11 दिन का समय बीत चुका है फिर भी नहरों में पानी नहीं आया. इस हालत में सिकरौल-डुमरांव व कोरानसराय-डुमरांव रजवाहा से जुड़ें किसानों को खेती की चिंता सता रही है. जहां रजवाहा से जुड़े किसानों को पानी के अभाव में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसान सुरेंद्र सिंह, दयाशंकर तिवारी, मोहन तिवारी, वीरेंद्र सिंह मौर्य का कहना है कि भैया किसी भी हाल में खेती तो करना है. इसी पर हम किसानों को निर्भर रहना है और परिवार के भरण पोषण के लिए खेती को संवारना है. जब कि पानी के अभाव में अभी तक किसान अपने खेतों में धान के बीज नहीं डाल पाए हैं. लोगों ने कहा कि जैसे भी हो हर हालत में पानी की सुविधा के लिए हम लोग लगे हुए हैं. ताकि पानी की सुविधा कर अपने खेतों में धान के बीज डाल सकें. लोगों ने कहा कि जिन किसानों के पास अपना निजी ट्यूबवेल है वे किसान अपने निजी ट्यूबवेल के सहारे पटवन कर लेते हैं लेकिन जिन किसानों के पास यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. वैसे किसानों को नहर व बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता हैं. किसान सुरेंद्र सिंह ने कहा कि गांवों में चापाकल से पानी नहीं निकल रहा है, जलस्तर नीचे चला गया है. ट्यूबवेल से भी पानी कम निकल रहा है. किसानों ने कहा कि इलाके में ऐसे भी किसान है जिनकी खेती के लिए अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंचने के चलते खेत खाली पड़ जाते हैं. लोगों का कहना है कि एक तरफ मौसम की मार से 41 डिग्री तापमान है. जिससे तेज धूप व भीषण गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है तो दूसरी तरफ नहर में पानी नहीं आने के चलते इस रजवाहा से जुड़े किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. इस हालत में किसान अपने खेतों में पानी की सुविधा करने के बाद धान के बीज डालते हैं. जब कि किसानों को निजी ट्यूबवेल के सहारे हीं पटवन करना पड़ता हैं. ताकि धान के बीज किसी तरह से खेतों में डाला जा सके. लोगों ने कहा कि रोहिणी नक्षत्र का 11 दिन का समय बीत गया और शेष चार दिन का समय बचा हुआ है, इसके बाद भी अभी तक सिकरौल-डुमरांव व कोरानसराय-डुमरांव रजवाहा में पानी नही आया इसको लेकर इलाके के किसान काफी चिंतित हैं.

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