buxar news : डुमरांव. डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत नया भोजपुर से जंगली शिव मंदिर होते हुए शहर को जोड़ने वाली मुख्य सड़क आज बदहाल स्थिति में है. यह मार्ग अब विकास का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और उपेक्षा का जिंदा दस्तावेज बन गया है. वर्षों से जगह-जगह उखड़ी सड़क, गहरे गड्ढे और कीचड़ से पटे इस रास्ते पर चलना मानो दुर्घटना को खुला न्योता देना है. जिस सड़क को डुमरांव की ‘लाइफ लाइन’ कही जाती है, वही आज आम लोगों की जान पर भारी पड़ रही है. अनुमंडल के सैकड़ों गांवों की आबादी इसी मार्ग से बाजार, अनुमंडलीय अस्पताल, न्यायालय और सरकारी दफ्तरों तक पहुंचती है. नया भोजपुर सब्जी मंडी के समीप एनएच-922 से शक्ति द्वार जाने वाली यह सड़क बारिश में तालाब का रूप ले लेती है, जहां हर पल हादसे की आशंका बनी रहती है. इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग आंखें मूंदे बैठे हैं. सबसे शर्मनाक स्थिति यह है कि इसी मार्ग से स्कूली बसें, एंबुलेंस और अन्य आपात सेवाएं रोजाना गुजरने को मजबूर हैं. सड़क की दुर्दशा के कारण मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे, बच्चों की सुरक्षा खतरे में है और आपदा सेवाएं बेबस नजर आ रही हैं. शहर के अन्य मार्गों पर जाम की समस्या के चलते यह सड़क कोई विकल्प नहीं, बल्कि मजबूरी बन चुकी है. इसी बदहाल सड़क के किनारे डुमरांव के प्रसिद्ध जंगली शिव मंदिर है. मालूम हो कि इस मंदिर में लग्न के मौसम में रोजाना भारी भीड़ उमड़ती है. आस्था के इस प्रमुख केंद्र तक पहुंचने का रास्ता खस्ताहाल होना प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करता है. भगवान भोलेनाथ को साक्षी मानकर लोग यहां शादी, विवाह तो संपन्न करते हैं, लेकिन श्रद्धालु और आमजन जान जोखिम में डालकर यहां पहुंचने को विवश हैं. स्थानीय नागरिकों का सब्र अब जवाब देने लगा है. लोगों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, तो आंदोलन किया जायेगा. सवाल यह है कि क्या किसी बड़े हादसे के बाद ही प्रशासन नींद से जागेगा? जनता ने जिला प्रशासन और नगर परिषद से तत्काल इस ‘लाइफ लाइन’ सड़क के पुनर्निर्माण की मांग की है, ताकि लापरवाही की यह कीमत किसी की जान से न चुकानी पड़े.
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