Varanasi-Kolkata Expressway: कैमूर जिले से गुजरने वाले वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे में सरकार ने कैमूर जिले में कुल 1639 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है. यह एक्सप्रेसवे भभुआ, चांद, रामपुर, चैनपुर तथा भगवानपुर प्रखंड के 93 मौजों में किसानों के जमीन का अधिग्रहण कर बनाया जायेगा.
रूट के बारे में जानिए
कैमूर जिले में वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की सीमा से चांद प्रखंड के गोई गांव के रास्ते प्रवेश करेगा. यहां से यह जिगना, खांटी, बघैला, सिहोरियां, पिपरियां और मोरवा गांवों से होते हुए चैनपुर प्रखंड के सिरबिट, खखरा, मसोई, सिंकदरपुर, मानपुर और दुलहरा तक जाएगा. इसके बाद एक्सप्रेसवे भभुआ प्रखंड के मानिकपुर, देवर्जीकला, बेतरी, कुडासन, सारंगपुर, पलका, सीवों, कुश डिहरा, माधवपुर, धरवार और सेमरा गांवों से होकर गुजरेगा.
आगे यह भगवानपुर प्रखंड के अकोढ़ी, ददरा और मेहंदवार तथा रामपुर प्रखंड के दुबौली, पसाई, बसुहारी, सोनरा, अकोढ़ी, पछहरा, गंगापुर, बसनी, ठकुरहट, सवार और निसिजा गांवों से होते हुए कैमूर के कुल 38 गांवों को पार कर रोहतास जिले में प्रवेश करेगा. इस तरह यह एक्सप्रेसवे कैमूर जिले के पांच अंचलों के 93 मौजों से होकर करीब 52 किलोमीटर की दूरी तय करेगा.
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वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के बारे में जानिए
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे बनाने में तेज रफ्तार और सुरक्षित यात्रा पर खास ध्यान दिया जाएगा. एक्सप्रेसवे पर सीमित एंट्री-एग्जिट, सर्विस रोड, अंडरपास और ओवरब्रिज की व्यवस्था होगी, ताकि स्थानीय लोगों को दिक्कत न हो.
किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया पर भी प्रशासन नजर बनाए हुए है. निर्माण पूरा होने के बाद कैमूर जिले को लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक निवेश का नया केंद्र बनने की उम्मीद है. इसके साथ ही आसपास के ग्रामीण इलाकों में जमीन की कीमत बढ़ने और रोजगार के नए अवसर पैदा होने की संभावना है.
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