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SIR Hearing in Bengal: पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चिंसुराह-मोगरा ब्लॉक कार्यालय में सोमवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मामले की सुनवाई बाधित होने के बाद इलेक्शन कमीशन ने साफ कर दिया कि इस प्रक्रिया में बीएलए को शामिल होने की अनुमति नहीं दी जायेगी.
असित मजूमदार के विरोध की वजह से रुकी एसआईआर की सुनवाई
एसआईआर की सुनवाई सोमवार को उस वक्त कुछ देर के लिए रोक दी गयी, जब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक असित मजूमदार ने बूथ-स्तरीय एजेंटों (बीएलए) को सुनवाई से बाहर रखे जाने पर आपत्ति जतायी. एक अधिकारी ने बताया कि 3 विधानसभा क्षेत्रों के लिए ब्लॉक कार्यालय में जारी सुनवाई को मजूमदार के आग्रह पर रोका गया था. बाद में चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिये कि बीएलए को ऐसी सुनवाई में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जायेगी.
ब्लॉक कार्यालय के दरवाजों को कर दिया गया बंद
असित मजूमदार ने मांग की थी कि अधिकारी लिखित में बतायें कि वे बीएलए को सुनवाई में शामिल होने की अनुमति देंगे या नहीं. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जब तक बीएलए को सुनवाई में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाती या अधिकारी लिखित में यह नहीं बताते कि उन्हें अनुमति नहीं दी जायेगी, तब तक वह सुनवाई नहीं होने देंगे. इस विवाद के बाद ब्लॉक कार्यालय के प्रवेश और निकास द्वार को बंद कर दिया गया.
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चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश – सुनवाई में शामिल नहीं होंगे बीएलए
निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि बीएलए को ऐसी सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति नहीं है. असित मजूमदार ने बाद में अपना रुख नरम किया और मानवीय आधारों का हवाला देते हुए सुनवाई फिर से शुरू करने की अनुमति दी, क्योंकि कई लोग इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए लंबी दूरी तय करके आये थे. टीएमसी के विधायक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि भविष्य में अगर बीएलए को ऐसी सुनवाई में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी. वह सुनवाई होने देंगे या नहीं होने देंगे.
SIR Hearing in Bengal: अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर मजूमदार ने रोकी सुनवाई
उधर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आरोप लगाया है कि विधायक ने यह हरकत तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर की थी. मुख्य विपक्षी पार्टी ने दावा किया कि अभिषेक बनर्जी ने रविवार को एक वर्चुअल मीटिंग में कहा था कि सुनवाई में बीएलए को शामिल होने की अनुमति दी जाये. बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने असित मजूमदार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और सुनवाई वाली जगह पर केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग की.
तृणमूल कांग्रेस ने असित मजूमदार का किया बचाव
दूसरी तरफ, पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपने विधायक असित मजूमदार का बचाव किया. पार्टी के प्रवक्ता और आईटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष देवांशु भट्टाचार्य ने कहा कि बीएलए को सुनवाई में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि बहुत से लोग यह समझने में सक्षम नहीं हैं कि उचित स्पष्टीकरण के बिना मतदाता सूची से उनके नाम क्यों हटाये जा सकते हैं.
अप्रैल-मई में हो सकता है बंगाल चुनाव 2026
बंगाल में अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव 2026 के पहले मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है. इस प्रक्रिया पर तृणमूल कांग्रेस ने घोर आपत्ति दर्ज करायी है. पार्टी की मांग है कि वोटर लिस्ट से जिन 58.20 लाख लोगों को हटाया गया है, उनमें कितने रोहिंग्या और कितने बांग्लादेशी हैं, उसके आंकड़े चुनाव आयोग को जारी करना चाहिए. बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह चुनाव आयोग के जरिये बंगाल के लोगों को परेशान कर रही है.
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