SIR Bengal : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र उन क्षेत्रों में शामिल है, जहां मतदाता सूची से सबसे अधिक नाम हटाए गए हैं. निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी निर्वाचन वार आंकड़ों के अनुसार, भवानीपुर से हटाए गए मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है. यह संख्या पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र की तुलना में लगभग चार गुना बताई गई है. आंकड़ों से दोनों क्षेत्रों के बीच स्पष्ट अंतर सामने आया है.
भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र में 2,06,295 मतदाताओं में से 44,787 नाम हटाए गए
आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत जनगणना प्रपत्र जमा करने की समयसीमा समाप्त होने के एक दिन बाद ये आंकड़े जारी किए, जिससे राज्य भर में महत्वपूर्ण भिन्नताएं सामने आईं. अधिकारियों ने बताया कि यह प्रक्रिया पूरे राज्य में समान मानदंडों के तहत की गई है. आंकड़ों से पता चला है कि दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र में 2,06,295 मतदाताओं में से 44,787 नाम हटाए गए, जबकि नंदीग्राम में 2,78,212 मतदाताओं में से 10,599 नाम हटाए गए.
बीजेपी के विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों के बारे में जानें
आयोग ने कहा कि ये नाम मृत्यु, स्थानांतरण, पता नहीं चल पाने वाले पते और दोहराव प्रविष्टियों जैसी मानक श्रेणियों के तहत हटाए गए हैं. राज्य के 294 विधानसभा क्षेत्रों में से सबसे अधिक नाम उत्तरी कोलकाता के चौरंगी में हटाए गए (74,553), इसके बाद कोलकाता पोर्ट (63,730) और टॉलीगंज (35,309) का स्थान रहा. बीजेपी के विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों जैसे आसनसोल दक्षिण (39,202) और सिलीगुड़ी (31,181) में भी विलोपन नंदीग्राम से अधिक रहा.
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दक्षिण 24 परगना में सबसे अधिक 8,16,047 नाम हटाये गए
जिला स्तरीय आंकड़े के अनुसार, दक्षिण 24 परगना में सबसे अधिक 8,16,047 नाम हटाये गए हैं. कुल मिलाकर, एसआईआर प्रक्रिया के पहले चरण में 58 लाख से अधिक नाम हटाए गए हैं. निर्वाचन आयोग मंगलवार को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित करेगा. तृणमूल कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता कृषानु मित्रा ने कहा कि पार्टी डेटा की जांच करेगी और किसी भी वास्तविक मतदाता को हटाने के दुर्भावनापूर्ण मकसद का लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देगी. वहीं, भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने कहा कि ये विलोपन साबित करते हैं कि बंगाल में एसआईआर की आवश्यकता क्यों थी, क्योंकि यह टीएमसी की असली ताकत रहे फर्जी मतदाताओं की संख्या को उजागर करता है.

