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नहीं हो रही है कार्रवाई

पंकज कुमार,बक्सर जिला शिक्षा विभाग मध्याह्न् भोजन में गड़बड़ी करने वाले विद्यालयों के प्रभारियों पर कार्रवाई करने में काफी सुस्ती बरत रहा है. एमडीएम विभाग ने अब तक जितनी भी कार्रवाई करने के मामलों को सुपुर्द किया है. उन पर कार्रवाई नहीं की जा सकी है, जिसके कारण एमडीएम में गड़बड़ी करने वाले प्रधानाध्यापकों का […]

पंकज कुमार,बक्सर

जिला शिक्षा विभाग मध्याह्न् भोजन में गड़बड़ी करने वाले विद्यालयों के प्रभारियों पर कार्रवाई करने में काफी सुस्ती बरत रहा है. एमडीएम विभाग ने अब तक जितनी भी कार्रवाई करने के मामलों को सुपुर्द किया है. उन पर कार्रवाई नहीं की जा सकी है, जिसके कारण एमडीएम में गड़बड़ी करने वाले प्रधानाध्यापकों का मनोबल बढ़ा हुआ है. एमडीएम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में मध्याह्न् भोजन में गड़बड़ी करने वाले 20 विद्यालयों के प्रभारियों पर कार्रवाई करने की अनुशंसा जिला शिक्षा पदाधिकारी से किया है. इनमें से कई ऐसे है, जिन पर कार्रवाई की अनुशंसा किये महीनों बीत गये. जबकि कार्रवाई में कुछ हाल के महीने और इस माह के भी विद्यालय शामिल है. सूत्रों के अनुसार कार्रवाई तब की जाती है जब विद्यालयों के बच्चे एवं अभिभावक मध्याह्न् भोजन को लेकर आंदोलन को अंजाम देते है.

आंदोलन के बाद हुई कार्रवाई

केस वन- सदर प्रखंड के महदह मध्य विद्यालय के प्रभारी के ऊपर मध्याह्न् भोजन में गड़बड़ी का आरोप लगा था, परंतु कार्रवाई नहीं की गयी थी. कुछ दिनों बाद मामला फिर उछला और बच्चों समेत अभिभावकों ने प्रभारी के खिलाफ आंदोलन किया तो, जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कार्रवाई की. स्थानीय लोगों एवं विभाग के अनुसार यदि कार्रवाई पूर्व में हो गयी रहती तो, बच्चे आंदोलित नहीं होते .

केस टू- जगदीशपुर स्थित मध्य विद्यालय का भी यहीं हाल है. गांव के अभिभावकों ने विद्यालय में मध्याह्न् भोजन में गड़बड़ी का आरोप प्रभारी पर लगाया था एवं कार्रवाई की अनुशंसा की थी. एमडीएम विभाग भी मामले की जांच कर कार्रवाई करने का अनुशंसा किया था. लेकिन शिक्षा विभाग लापरवाह बना रहा. जिसका खामियाजा पदाधिकारियों को आंदोलन के रुप में भुगतना पड़ रहा है.

कैसे होती है लापरवाही

मध्याह्न् भोजन की जांच की आंच विद्यालयों के प्रभारियों पर पड़ने के बाद भी जब कुछ नहीं होता है. तो वह बेखौफ होकर मध्याह्न् भोजन में गड़बड़ी करना शुरू कर देते है. ऐसे में बच्चों को कभी मीनू के अनुसार भोजन नहीं मिलता, तो कभी महंगाई का हवाला देकर विद्यालय के प्रभारी मध्याह्न् भोजन के मीनू में कटौती भी करते हैं. जिस कारण बच्चे पौष्टिक भोजन से वंचित हो जाते हैं.

क्या कहते हैं अभिभावक

जिन 20 विद्यालयों पर एमडीएम विभाग से कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है, उनमें पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय के प्रभारियों पर कार्रवाई नहीं होने के कारण विद्यालय में मध्याह्न् भोजन की स्थिति दयनीय बनी हुई है. बक्सर के जरिआंवा गांव के राम नरेश कहते हैं कि यदि विभाग मध्याह्न् भोजन में लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई नहीं करेगी, तो छपरा के मशरक जैसा कांड बक्सर में भी हो सकता है. सिमरी गंगौली के सुरेश राम कहते है विद्यालयों में जैसे-तैसे भोजन बना कर खिलाया जा रहा है.

इन पर होनी है कार्रवाई

आचार्य नरेंद्र देव बक्सर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बभनी, मध्य विद्यालय पांडेय पट्टी, मध्य विद्यालय खिरौली डुमरांव, मध्य विद्यालय मानिकपुर राजपुर, मध्य विद्यालय जमुआंव इटाढ़ी, मध्य विद्यालय करहंसी, मध्य विद्यालय जरिगांवा बक्सर, मध्य विद्यालय गंगौली सिमरी, मध्य विद्यालय जगदीशपुर, आदर्श मध्य विद्यालय नया बाजार समेत अन्य.

डीइओ करेंगे कार्रवाई

एमडीएम प्रभारी अरविंद कुमार ने कहा कि अब तक करीब 20 विद्यालयों की जांच कर कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को ही इन मामलों में कार्रवाई करने का अधिकार है.

मांगा जा रहा है स्पष्टीकरण

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि कार्रवाई के लिए जो विद्यालय अनुशंसित है, उनके प्रभारियों से लिखित स्पष्टीकरण पूछा गया है. स्पष्टीकरण के बाद उन पर कार्रवाई की जायेगी. कुछ पर कार्रवाई भी हुई है.

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