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10 चिकित्सकों के भरोसे जिले के 21 पशु अस्पताल
अनदेखी : चिकित्सकों की कमी के बदतर स्थिति में है पशुपालन विभाग बक्सर : जिले का पशुपालन विभाग पशु चिकित्सकों की कमी के कारण काफी दयनीय स्थिति में चल रहा है. जिले के 21 पशु अस्पतालों में महज 10 भ्रमणशील चिकित्सक हैं, जिनके सहारे अस्पताल चल रहा है. साथ ही जिला पशुपालन पदाधिकारी का पद […]
अनदेखी : चिकित्सकों की कमी के बदतर स्थिति में है पशुपालन विभाग
बक्सर : जिले का पशुपालन विभाग पशु चिकित्सकों की कमी के कारण काफी दयनीय स्थिति में चल रहा है. जिले के 21 पशु अस्पतालों में महज 10 भ्रमणशील चिकित्सक हैं, जिनके सहारे अस्पताल चल रहा है.
साथ ही जिला पशुपालन पदाधिकारी का पद भी प्रभार के तहत सुशोभित है. मनुष्य की स्वास्थ्य के साथ निरीह जानवरों की देखभाल के लिए सरकार ने पशु अस्पतालों को खोला है.
जिले के सभी पशु अस्पतालों के लिए एक भ्रमणशील पशु चिकित्सक की नियुक्ति की गयी है, लेकिन कुल सृजित पदों के तुलना में आधे से भी कम चिकित्सक मौजूद हैं. ऐसे में जिले के पशुओं की स्वास्थ्य भगवान पर ही निर्भर है. सरकार लोगों के बीच दुधारू गायें अनुदान पर उपलब्ध करा कर श्वेत क्रांति लाना चाहती है. सरकार द्वारा पशुपालकों को 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है.
सरकार एक तरफ पशुपालकों के बीच पशु धन के लिए प्रोत्साहित कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार इन पशुओं में होनेवाली बीमारियों के लिए चिकित्सकों की नियुक्ति न कर प्रभारी चिकित्सकों के जिम्मे सौंप दी है. वर्तमान स्थिति में जिले में महज 10 भ्रमणशील पशु चिकित्सक मौजूद हैं, जिनके सहारे जिले के 21 पशु अस्पताल संचालित हो रहे हैं. एक चिकित्सक के सहारे 2-3 पशु अस्पताल संचालित हो रहे हैं.
क्या कहते हैं पशुपालन पदाधिकारी
सीमित संसाधनों में हम बेहतर कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं. एक ही अधिकारी को कई अस्पतालों का प्रभार सौंप दिया गया है.
डॉ बिगन सिंह, पशुपालन पदाधिकारी
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