विजयीपुर : पति के नाजायज रिश्ते ने सीता की हंसती-खेलती जिंदगी को बर्बाद कर दिया. सीता ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि अग्नि के समक्ष हर सुख-दुख में साथ देने का वादा करने वाला उसका पति न सिर्फ उसके लिए सौतन लायेगा, बल्कि सीता का कातिल भी कहलायेगा.
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दूसरी पत्नी से बिछड़ने पर की पहली की हत्या
विजयीपुर : पति के नाजायज रिश्ते ने सीता की हंसती-खेलती जिंदगी को बर्बाद कर दिया. सीता ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि अग्नि के समक्ष हर सुख-दुख में साथ देने का वादा करने वाला उसका पति न सिर्फ उसके लिए सौतन लायेगा, बल्कि सीता का कातिल भी कहलायेगा. सीता की मौत के बाद पति […]
सीता की मौत के बाद पति ने उस पर एक लांछन भी लगा दिया था, लेकिन पुलिस द्वारा जब शव को बरामद किया गया, तो हत्या की पूरी पटकथा सामने आ गयी.
परिजनों को भी यह विश्वास नहीं हो रहा था कि शादी के 17 वर्ष बाद घर के रुपये व गहने लेकर सीता फरार हो जायेगी. काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहने वाले मनोज की आंखें यूपी की एक लड़की से चार हो गयी थीं. दोनों अक्सर एक दूसरे से मिलने लगे थे. इसकी भनक सीता को भी लगी थी, जिसका वह हमेशा विरोध करती थी.
मनोज और उस लड़की का मिलना-जुलना कम नहीं हुआ. दो वर्ष पूर्व अचानक मनोज उस लड़की को अपनी दुल्हन बनाकर अपने घर ले आया. उस समय उस लड़की को भी यह पता भी नहीं था कि इसके पहले से तीन बच्चे और पत्नी भी हैं. मनोज द्वारा रचायी गयी दूसरी शादी में उसकी मां की सहभागिता भी काफी रही.
दूसरी पत्नी के घर आने के बाद गांव वालों ने एक पंचायत बैठायी, जिसमें मनोज को दूसरी पत्नी को छोड़ने और पहली पत्नी को अपनाने की बात कही गयी थी. कहा जा रहा है कि मनोज की शादीशुदा जिंदगी खराब न हो इसके लिए उसकी दूसरी पत्नी ने उसे छोड़ दिया था. इसके बाद मनोज विदेश चला गया.
ऐसे खुला हत्या का राज
पति मनोज कुशवाहा ने जब थाने में सीता के घर से फरार हो जाने की शिकायत दर्ज करायी, तो मृतका के मायके वालों को विश्वास नहीं हुआ. पुलिस सीता के घर से रुपये और गहने लेकर गायब होने के मामले की जांच ही कर रही थी कि परिजनों ने पुलिस पर घर की तलाशी लेने का दबाव बनाया.
जिस कमरे में उसकी हत्या की गयी थी, वहां कुछ संघर्ष के निशान भी मिले. तकिये के पास पुलिस ने टूटी हुई चूड़ी बरामद की. जब इसके बारे में उसके पति से पूछताछ की गयी, तो उसने बताया कि सोने के समय उसकी चूड़ी टूट गयी होगी.
बारीकी से जांच करने पर पुलिस को उसी बिस्तर के कोने से सीता के पैर की बिछिया मिली, जिसने हत्या की पूरी वारदात को सामने लाकर रख दिया. पूरे कमरे की तलाशी लेने पर पुलिस ने छज्जे पर से सीता का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया.
पुलिस की इस जांच को सीता का पति लगातार प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन शौचालय की टंकी के पास बिखरे पानी ने सब कुछ साफ कर दिया. उसी शौचालय की टंकी से पुलिस ने प्लास्टिक के एक बोरे में कस कर फेंके गये शव को बरामद किया.
विदेश से लौटने के बाद रची थी साजिश
मनोज जब विदेश गया, तो वहां से वह अपनी पत्नी से बात तक भी नहीं करता था. न ही उसे कोई खर्च देता था. दो साल बाद जब वह विदेश से वापस लौटा, तो घर में काफी खुशियां थीं.
सबसे ज्यादा खुशी बच्चों को थी, लेकिन मनोज कुछ और ही प्लानिंग कर आया था. 23 मार्च को वह अपनी पत्नी और तीनों बच्चों ने एक साथ खाना खाया था. पत्नी के साथ अकेले कमरे में सोने की बात कहकर उसने तीनों बच्चों को एक दूसरे कमरे में सुला दिया.
फिर बाहर से दरवाजे की कुंडी लगा दी. इसके बाद उसने रात में ही बिजली के तार से पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी. शव को एक बोरे में कस कर अपने शौचालय की टंकी में फेंक दिया. मां की हत्या के बाद उसके तीनों बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. तीनों बच्चे मां की मौत के बाद बेसुध हो चुके हैं.
एक तरफ मां की मौत, तो दूसरी तरफ पिता के जेल जाने का दर्द. तीनों बच्चों के सामने उनकी पूरी जिंदगी पड़ी है, लेकिन सहारा कौन बनेगा यह एक बड़ा सवाल है. हालांकि फिलहाल तीनों बच्चों को उसके मामा दिनेश कुशवाहा अपने साथ ले गये हैं.
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