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विधान परिषद में भी बिहार सशस्त्र पुलिस बिल पास, बोले सीएम विपक्ष का रवैया ठीक नहीं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 के विधान परिषद में भी मंजूर होने की बधाई देते हुए कहा कि जल्दी ही यह राज्यपाल के यहां से स्वीकृत होकर पुलिस का अंग बन जायेगा.

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 के विधान परिषद में भी मंजूर होने की बधाई देते हुए कहा कि जल्दी ही यह राज्यपाल के यहां से स्वीकृत होकर पुलिस का अंग बन जायेगा. विधेयक को लेकर विरोध और हंगामे को लेकर विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात नहीं थी. किसी विधेयक को लेकर उनके मन में कुछ था, तो इस पर चर्चा करनी चाहिए थी.

स्पीकर ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया : सीएम ने कहा कि पहली बार स्पीकर को उनके कक्ष में घेरने का प्रयास किया गया और आसन को भी घेरे रखा गया, जबकि विपक्ष ही दुष्प्रचार कर रहा है. उन्होंने कहा कि स्पीकर को एक तरह से बंधक बना लेना क्या उचित था? पुलिस को बुलाना स्पीकर का विशेषाधिकार था. पुलिस बुलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. इसलिए स्पीकर ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया.

सीएम ने कहा कि हम कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन जिन लोगों ने विधानसभा परिसर में आपत्तिजनक हंगामा किया, स्पीकर उन पर उचित कार्रवाई कर सकते हैं. स्पीकर साहब के हाथ में हैं सारी बातें है कि अब वह क्या करेंगे. क्या सोचेंगे. क्या कार्रवाई करते हैं. एनडीए के जितने सदस्य थे, वे विधानसभा में शांति से बैठे रहे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि नये निर्वाचित सदस्यों को परिषद की कार्यवाही और दूसरी गतिविधियों की ट्रेनिंग करायी जानी चाहिए, ताकि सदन की कार्यवाही में वह उचित ढंग से भागीदारी कर सकें. जिस विधेयक को लाना था, वह लाया गया और पास भी हुआ है. उसके बारे में बहुत स्पष्टता से बताया गया कि उसमें ऐसा कुछ नहीं है, जिसके लिए दुष्प्रचार किया गया. इसके बाद भी हमने कहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों के एक-एक सवालों का जवाब दिया जायेगा.

विपक्ष का रवैया ठीक नहीं

विधान परिषद में विपक्षी सदस्यों के हंगामे, असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल और उनकी आपत्तिजनक हरकतों पर विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कहा कि यह रवैया आपत्तिजनक है. आप लोगों को जनता ठीक से जवाब देगी. आप सदन में अटैक करते हैं. हम सुन लेते हैं. अपने रवैये से विपक्ष अपने आप को बर्बाद कर रहा है.

दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उस समय गुस्सा आया, जब विपक्ष विधान परिषद के दोपहर बाद के सत्र में कार्य स्थगन प्रस्ताव के जरिये मंगलवार को विधानसभा में हुए घटनाक्रम पर चर्चा कराने की मांग पर अड़ा हुआ था. जबकि, इस दौरान कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 को पारित कराने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे थे.

विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि मंगलवार को विधानसभा में जब विपक्ष के लोग उपद्रव कर रहे थे, तब एनडीए के सदस्य चुपचाप बैठे हुए थे. उन्होेंने कहा कि सभापति के आसन के आसपास अपनी हरकतों पर विपक्ष को गौर करने की जरूरत है.

विपक्ष को रखनी चाहिए थी अपनी बात

सदन के बाहर मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगलवार को सदन में हुई घटना ठीक नहीं थी. विपक्ष के लोगों को अपनी बात रखनी चाहिए. आसन की ओर से उनको कितना समय दिया जाता है. मंगलवार को सदन में कितनी देर गतिरोध पैदा किया गया. बावजूद इसके सदन में निर्धारित किये गये कानून पर विचार किया गया और सभी कानून सदन से पारित किये गये. लोकतंत्र है, तो उसकी मर्यादा भी है. जो नियम बन रहा है, उसमें सभी की भागीदारी होनी चाहिए. पूरा सत्र चलता रहा और अंत में अब क्या हुआ. विपक्ष के लोग अपने अधिकार का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं.

पुलिस मुख्यालय के जरिये यह विधेयक होगा सार्वजनिक

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही विधेयक के विनियम पूरे होते हैं, पुलिस मुख्यालय के जरिये इसे सार्वजनिक किया जायेगा. इसके एक-एक प्रावधान पर सरकार अपनी राय जाहिर करेगी. सीएम ने कहा कि हम कुछ भी छिपाना नहीं चाहते हैं. कन्फ्यूजन दूर करेंगे.

Posted by Ashish Jha

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