मुन्ना सांईं हत्याकांड. कोर्ट के फैसले पर परिजनों ने जताया संतोष, पत्नी अंजना ने कहा
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फांसी होती, तो कलेजे को मिलती ज्यादा ठंडक
मुन्ना सांईं हत्याकांड. कोर्ट के फैसले पर परिजनों ने जताया संतोष, पत्नी अंजना ने कहा कोर्ट के फैसले का परिवार के सदस्यों ने किया सम्मान आरा : हत्यारों को फांसी होती, तो कलेजे को ज्यादा ठंडक मिलती. मुन्ना सांईं हत्याकांड में आरोपितों की सजा का एलान होने के बाद कोर्ट परिसर में मौजूद दिवंगत मुन्ना […]
कोर्ट के फैसले का परिवार के सदस्यों ने किया सम्मान
आरा : हत्यारों को फांसी होती, तो कलेजे को ज्यादा ठंडक मिलती. मुन्ना सांईं हत्याकांड में आरोपितों की सजा का एलान होने के बाद कोर्ट परिसर में मौजूद दिवंगत मुन्ना सांईं की पत्नी अंजना श्रीवास्तन ने कुछ ऐसे ही अपने अंदर के दर्द को बयां किया. कोर्ट का फैसला आने के बाद मुन्ना सांईं की पत्नी की आंखों से आंसू बहने लगे. परिवार के कई सदस्य व समर्थक कोर्ट में मौजूद थे. पूरे परिवार ने कोर्ट के फैसले का सम्मान किया. कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए अंजना श्रीवास्तव ने कहा कि हत्यारों को सजा मिलने पर कलेजे को राहत मिली है. इस बात का संतोष है कि पति को मौत की नींद सुलाने वाले हत्यारे अब आजीवन जेल में रहेंगे. कोर्ट में मुन्ना सांईं के बड़े भाई जितेंद्र प्रसाद व केस के सूचक छोटे भाई अंजय प्रसाद सहित परिवार के कई सदस्य मौजूद थे.
सजा का एलान होने के बाद चौतरफा खुशी : चर्चित व्यवसायी और समाजसेवी दिवंगत मुन्ना सांईं समाज के हर वर्ग के लोगों का चहेता था. प्रशासनिक महकमे से लेकर आम आदमी तक में मुन्ना सांईं की काफी इज्जत थी और वे सबके सहयोग के लिए हमेशा आगे खड़ा रहते थे. सामाजिक कार्यों में शायद ही कभी ऐसा अवसर रहता था, जब मुन्ना साईं आगे नहीं होते थे. सजा का एलान होने के बाद लोगों में चौतरफा खुशी देखने को मिली. समाज के हर वर्ग को इस हत्याकांड में सजा का इंतजार था. इधर, फैसले के बाद जिला जदयू के अध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा व व्यावसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अमित केसरी ने फैसले पर खुशी व्यक्त किया है तथा कहा है कि एसपी ने सराहनीय सजा दिलाने में एसपी ने सराहनीय भूमिका निभायी.
एसपी पहुंचे मुन्ना सांईं के घर : कोर्ट से सजा का एलान होने के बाद पुलिस कप्तान छत्रनील सिंह मुन्ना सांईं के घर पहुंचे और उनके पिता व पत्नी सहित परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की.
पुलिस कप्तान मुन्ना सांईं के घर पहुंचे, तो परिजनों ने उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया. एसपी के साथ बातचीत के क्रम में परिवार के सदस्यों की आंखें भी भर गयी थीं. इस दौरान एसपी ने परिवार के सदस्यों को हर तरह से सहयोग देने का आश्वासन दिया. एसपी ने कहा कि अगर किसी भी तरह की समस्या होती है, तो आप सीधे हमसे बात करें. बता दें कि हत्याकांड में पुलिस की काफी सराहनीय भूमिका रही. पुलिस कप्तान छत्रनील सिंह ने इस मामले में खुद काफी दिलचस्पी लेते हुए तेज गति से कार्रवाई को पूरा किया था. स्पीडी ट्रायल चलाकर मामले का लगभग छह माह में निष्पादन कर दिया गया.
बुजुर्ग पिता के घुटनों को मिला बल
मुन्ना सांईं के हत्यारों को उम्रकैद की सजा की सूचना जब बुजुर्ग पिता को मिली, तो उनके घुटनों में बल आ गया. अक्सर बीमार रहने वाले मुन्ना सांईं के पिता जनमेजय प्रसाद बेड पर लेटे हुए थे. जैसे ही सजा की जानकारी मिली उठ कर कमरे से बाहर चले आये. जैसे उनके पैरों में पहले से भी अधिक जान आ गया हो. सजा की जानकारी मिलने पर उन्हें राहत मिली. उन्होंने कहा कि बेटे के साथ जैसा किया भगवान ने उनलोगों को उसकी सजा दे दी.
छह माह में सुनवाई पूरी
मुन्ना सांईं हत्याकांड की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के तहत की गयी. भोजपुर पुलिस अधीक्षक व्यवसायी मुन्ना सांईं हत्याकांड को स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई करने की अनुशंसा की थी. इतना ही नहीं, उन्होंने स्वयं मॉनीटरिंग की और कोर्ट में जाकर उन्होंने गवाही भी सुनी. कोर्ट ने करीब छह माह में सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुनाया.
इन धाराओं के तहत सुनायी सजा
तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरसी द्विवेदी ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद भादवि की धारा 302/34 के तहत आरोपित रवींद्र प्रसाद उर्फ नेपाली, सोनू प्रसाद, सन्नी प्रसाद व चंदन प्रसाद को उम्रकैद की सजा व 20-20 हजार रुपये जुर्माना एवं भादवि की धारा 120 बी के तहत सोनू प्रसाद व कौशल कुमार श्रीवास्तव उर्फ बिट्टू को उम्रकैद व 20-20 हजार रुपये का जुर्माना तथा 27 आर्म्स एक्ट के तहत सोनू प्रसाद को तीन वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनायी.
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