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सुविधाएं सिफर, यात्री हलकान

कोइलवर : दानापुर रेल मंडल के हावड़ा-दिल्ली मुख्य रेलमार्ग पर अवस्थित कोइलवर रेलवे स्टेशन के वजूद में आने के इतने वर्षाें बाद भी यात्रियों को मूलभुत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है़ इस्ट इंडिया कंपनी द्वारा निर्मित अब्दुल बारी पुल के साथ ही वजूद में आये इस स्टेशन से रोजना तीन हजार यात्री अपने […]

कोइलवर : दानापुर रेल मंडल के हावड़ा-दिल्ली मुख्य रेलमार्ग पर अवस्थित कोइलवर रेलवे स्टेशन के वजूद में आने के इतने वर्षाें बाद भी यात्रियों को मूलभुत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है़ इस्ट इंडिया कंपनी द्वारा निर्मित अब्दुल बारी पुल के साथ ही वजूद में आये इस स्टेशन से रोजना तीन हजार यात्री अपने गंतव्य स्थानों के लिये सफर करते हैं. लेकिन, यह स्टेशन यात्री शेड, पेयजल, फुट ओवरब्रिज, पूछताछ काउंटर, शौचालय, आरक्षण काउंटर की उपलब्धता से आज भी महरुम है.

रेलवे के अधिकारियों व विभाग की बेरुखी का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक कई उतार-चढ़ाव व स्वर्णिम दौर देख चुके इस स्टेशन को पूर्ण स्टेशन का दर्जा तक प्राप्त नहीं है. अब तक यह फ्लैग स्टेशन का तमगा ही पा सका है़ जिस कारण इस स्टेशन पर कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव नहीं हो पाता.
यहां तक की सुपर फास्ट पैसेंजर और इंटरसिटी एक्सप्रेसों का भी नहीं. कोइलवर रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन लगभग दो हजार यात्री सफर करते है़ं जिससे महीने में लगभग आठ लाख रुपये, त्योहार व लगन के दिनों में लगभग दस लाख रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है़ स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाओं के साथ-साथ रेलवेकर्मियों को भी परेशानी उठानी पड़ती है़ शौचालय के अभाव में उन्हें स्टेशन से बाहर खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है़
नहीं हैं मामूली सुविधाएं : अप व डाउन प्लेटफाॅर्म पर एक-एक चापाकल है़ लेकिन, तीन माह से खराब पड़ा है़ स्टेशन पर पेयजल के लिए नल भी लगाया गया है़ बावजूद नल टैप से एक बूंद पानी नहीं टपका़ फुट ओवरब्रिज के अभाव में यात्री रेलवे लाइन से होकर गुजरते है़ं
पूछताछ कांउटर नहीं होने से यात्रियों को ट्रेनों के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती है़ वहीं दुर्गंध देते शौचालय, टूटे यात्री शेड कमतर सुविधाओं व बदइंतजामी पर खुद को कोसते नजर आते हैं. स्टेशन की दुर्दशा ऐसी है कि किसी दुघर्टना की स्थिति में रेलवे कंट्रोल से संपर्क करने का कोई जरिया नहीं है़ चार माह पूर्व रेलवे के लैंड लाइन से कंट्रोल से जुड़ने की सुविधा मिलती थी़ अब संपर्क करने का कोई साधन नहीं है़
क्या चाहिये यात्रियों को सुविधायें: पटना-सासाराम पैसेंजर, पटना-भभुआ इंटरसिटी, फरक्का एक्सप्रेस, पटना कुर्ला एक्सप्रेस आदि ट्रेनाें के ठहराव की जरूरत यहां के यात्री शिद्दत से महसूस कर रहे हैं. पूछताछ काउंटर, आरक्षण काउंटर, पेयजल, डाउन प्लेटफॉर्म पर यात्री शेड समेत फुट ओवरब्रिज का निर्माण की मांग लोगों की ओर से अक्सर होती है़
इन स्थानों पर जल्दी पहुंचते हैं लोग : बिहार का एकलौता मानसिक आरोग्यशाला, केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल 47वीं वाहिनी का मुख्य कार्यालय, इंडियन ऑयल व हिन्दुस्तान पेट्रोलियम का एलपीजी बॉटलिंग प्लांट, बबुरा के समीप गंगा, सोन, सरयू का संगम स्थल, नाव द्वारा छपरा पहुंचने का सुगम रास्ता समेत दर्जनों की संख्या में कल-कारखाने व गीधा औधोगिक क्षेत्र इसी स्टेशन के करीब हैं. जहां के कर्मचारियों को सुविधाओं की कमी से ट्रेन पकड़ने के लिए आरा या पटना का रूख करना पड़ता है़

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